दिल्ली चुनाव 2020: भाजपा की चुनावी रणनीति बनकर हुई तैयार, इन मुद्दों पर मांग सकती है वोट?

Update: 2020-01-23 06:43 GMT

नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव में ना केवल नेता अपनी पूरी ताकत झोंकेंगे बल्कि अभिनेता भी रोड-शो करके वोट मांगने के लिए जुटेंगे। दिल्ली वालों से वोट मांगने के लिए बॉलीवुड के कलाकारों के साथ भोजपुरियां कलाकार भी वोट मांगते दिखेंगे। 

आखिर वे कौन से मुद्दे और रणनीतियां हैं जिनके सहारे भाजपा इस बार के चुनावों में न सिर्फ अपना प्रदर्शन सुधारने बल्कि दो दशक बाद दिल्ली की सत्ता में वापसी की उम्मीद भी कर रही है। दिल्ली चुनाव के लिए बीजेपी ने 'देश बदला है, अब दिल्ली बदलेंगे' का नारा दिया है. दिल्ली चुनाव के लिए गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इस नारे को हर नुक्कड़ और घर-घर तक पहुंचाने की रणनीति बनाई है. इसके लिए 5000 छोटी-छोटी सभाएं की जाएंगी. जिसमें 250-300 लोग भी मौजूद रहेंगे.

इन सभाओं मे मोदी सरकार के तमाम मंत्री, प्रदेशों के बड़े नेता और स्टार प्रचारक भी हिस्सा लेंगे. इन सभाओं में मोदी सरकार की उपलब्धियों को बताया जाएगा. साथ ही ये भी बताया जाएगा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार की योजनाओं को लागू करने की कोशिशों में क्या-क्या रोड़े अटकाएं हैं।

ऐसे में चुनाव से पहले बीजेपी ने एक ऐसे कैंपेन की योजना बनाई है जो कि राष्ट्रवाद और हिंदुत्व के इर्द-गिर्द घूमती है. पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने बताया कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार की विफलताओं के बारे में बात करने के अलावा संशोधित नागरिकता कानून , ट्रिपल तालक, अनुच्छेद 370 एवं 35A को निरस्त करने और राम मंदिर मामले को भी लोगों पहुंचाने का काम किया जाएगा।

पार्टी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा है कि विपक्षी पार्टियां सीएए (CAA) को गलत तरीके से पेश करके लोगों को गुमराह कर रही है. इसी के कारण देश में हिंसा का माहौल उत्पन्न हो रहा है. हमें लोगों को बताना होगा कि ये कानून लोगों के हित में है. इसके लिए हमने डोर-टू-डोर कैंपेन भी चलाए हैं, ताकि सीएए को लेकर लोगों में पनप रही गलतफहमी को दूर किया जा सके।

बीजेपी के नेता ने कहा कि एक तरफ जहां अन्य पार्टियां ट्रिपल तलाक, अनुच्छेद 370 जैसे बड़े मुद्दों से भाग रही थीं, तो वहीं बीजेपी ने अपने इन वादों को पूरा किया है. लोगों को ये चीज याद रखनी चाहिए कि बीजेपी ने लोगों को वोट से पहले इन मुद्दों को सुलझा लेने का वादा किया था। भाजपा का यह भी कहना है कि बिजली और पानी के क्षेत्र में जिस तरह से बिल कम करने का काम केजरीवाल सरकार ने किया है, उससे इन क्षेत्रों में अपेक्षित सुधार नहीं हो पाएगा।

केंद्र में नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली भाजपा सरकार है और ऐसे में अगर दिल्ली प्रदेश में भी भाजपा सरकार हो तो यहां विकास की एक नई कहानी लिखी जा सकती है. इस मुद्दे को न सिर्फ जमीनी स्तर पर कार्यकर्ता उठा रहे हैं बल्कि पार्टी की प्रचार सामग्री में भी इसे प्रमुखता से जगह दी जा रही है।

सूत्रों का कहना है कि इनमें पार्टी की ओर से कई उदाहरण भी दिए जाएंगे. इनमें सबसे बड़ा उदाहरण है मेट्रो रेल का निर्माण. 17000 करोड़ रुपये केंद्र ने खर्च किए और 136 किमी ट्रैक का निर्माण हुआ. जिसमें 50 लाख दिल्लीवासी हर रोज यात्रा करते हैं. इसे सफल बनाने में केजरीवाल ने कैसे बार-बार बाधाएं पैदा की, इसके बारे में बताया जाएगा।

सूत्रों के मुताबिक पानी को लेकर भी बीजेपी चुनाव तक बड़ा कैंपेन चलाने की तैयारी में है. केजरीवाल के साफ पानी के दावे को लेकर बीजेपी कार्यकर्ता हर दिन एक नए मोहल्ले से नल का पानी लेकर केजरीवाल को देने जाएंगे और कहेंगे कि पानी पी कर दिखाओ. इससे ये साबित करेंगे की पानी के वादे कितने झूठे हैं. इसलिए दिल्ली चुनाव प्रचार में बीजेपी का नारा होगा 'फ्री नहीं, साफ पानी चाहिए.'

बता दें कि दिल्ली विधानसभा के लिए 8 फरवरी को मतदान किया जाएगा. वहीं 11 फरवरी को चुनाव नतीजे सामने आएंगे.

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