2009 रणवीर फर्जी एनकाउंटर केस : दिल्ली हाईकोर्ट से 7 पुलिस वाले दोषी करार
22 वर्षीय MBA छात्र रणबीर सिंह की 3 जुलाई 2009 को देहरादून के निकट एक जंगल में फर्जी मुठभेड़ में की गई थी
नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट ने 2009 में देहरादून में छात्र के फर्जी एनकाउंटर केस में बड़ा फैसला सुनाया है। जिसमें उत्तराखंड के सात पुलिसवाले दोषी करार दिए गए हैं। वहीं ग्यारह पुलिसवाले बरी किए गए हैं। कुल 18 पुलिसकर्मियों ने दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट की सजा के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में अपील की थी। अब बहस के बाद अगली सुनवाई में दोषियों को सजा सुनाई जाएगी।
Delhi High court convicts 7 police personnel guilty of killing an MBA student in Dehradun on July 3, 2009. 11 police personnel acquitted from the case. All 18 police personnel had approached Delhi High Court & challenged trial court order which convicted them for the 2009 case.
— ANI (@ANI) February 6, 2018
आपको बता दें कि गाजियाबाद के 22 वर्षीय रणबीर सिंह की 3 जुलाई 2009 को देहरादून के निकट एक जंगल में फर्जी मुठभेड़ में की गई थी, जिसमें हत्या के मामले में सभी 18 आरोपी पुलिसकर्मियों को कल दोषी ठहराया गया था।
विशेष सीबीआई न्यायाधीश जे पी एस मलिक ने छह उपनिरीक्षकों एवं एक कांस्टेबल को 22 वर्षीय रणबीर सिंह की मुठभेड़ में जान लेने का दोषी ठहराया। हत्या के लिए दोषी ठहराये गये लोगों में उप निरीक्षक संतोष कुमार, गोपाल दत्त भटट (थाना प्रभारी), राजेश बिष्ट, नीरज कुमार, नितिन चौहान, चंद्रमोहन सिंह रावत एवं कांस्टेबल अजीत सिंह शामिल हैं।
जसपाल सिंह गोसाईं के अलावा अन्य सभी 17 पुलिसकर्मियों को छात्र के अपहरण एवं हत्या की साजिश रचने का दोषी ठहराया गया है। इस मामले में दोषी ठहराये गये 10 अन्य पुलिसकर्मियों में कांस्टेबल सतबीर सिंह, सुनील सैनी, चंद्रपाल, सौरभ नौटियाल, नगेन्द्र राठी, विकास चन्द्र बलूनी, संजय रावत एवं मनोज कुमार तथा चालक मोहन सिंह राणा एवं इंद्रभान सिंह शामिल हैं।