कन्हैया कुमार को दिल्ली हाई कोर्ट से बड़ी राहत, JNU का ये आदेश किया निरस्त

आरोप है कि 2016 में इस घटना के तहत एक कार्यक्रम में कथित तौर पर भारत विरोधी नारे लगाए गए थे।

Update: 2018-07-20 14:22 GMT
नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट ने भारत विरोधी कथित नारेबाजी की एक घटना के सिलसिले में जवाहरलाल नेहरू विश्विवद्यालय (जेएनयू) के अपीलीय प्राधिकार द्वारा विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र कन्हैया कुमार के खिलाफ जुर्माने के आदेश को शुक्रवार को निरस्त कर दिया। आरोप है कि 2016 में इस घटना के तहत एक कार्यक्रम में कथित तौर पर भारत विरोधी नारे लगाए गए थे।
जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल ने कहा कि जेएनयू कार्यालय का आदेश अनगिनत बिंदुओं पर टिकने योग्य नहीं है। इसके बाद विश्वविद्यालय के वकील ने दलील दी कि वह इस फैसले को वापस ले रहे हैं। अदालत ने यह विषय अपीलीय प्राधिकार को सौंपते हुए उसे नए सिरे से कानून के मुताबिक कार्यवाही शुरू करने को कहा।
कन्हैया कुमार ने मुख्य प्रॉक्टर के जरिये जारी जेएनयू के चार जुलाई के आदेश को रद्द करने की मांग करते हुए 17 जुलाई को हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। कन्हैया कुमार को अनुशासनहीनता को लेकर दोषी ठहराया गया था और उन पर जुर्माना लगाया गया था।
नारेबाजी की घटना के सिलसिले में उन पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया था। संसद भवन पर हमले के दोषी अफजल गुरू की फांसी के विषय पर आयोजित एक कार्यक्रम में कथित तौर पर भारत विरोधी नारे लगाए गए थे। 
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