डोनाल्ड ट्रंप दिल्ली में, मंगलवार को सवेरे से हिंसा शुरू, ताबड़तोड़ बैठकों के बीच अमित शाह ने संभाली कमान

उत्तर-पूर्वी दिल्ली में इस घटनाक्रम की शुरुआत शनिवार रात से हुई, जब CAA के विरोध में कुछ महिलाओं ने प्रदर्शन शुरू कर दिया और मेट्रो स्टेशन के नीचे बैठकर धरना देने लगीं

Update: 2020-02-25 03:28 GMT

नई दिल्ली: उत्तर-पूर्वी दिल्ली में सोमवार को हुए हिंसक प्रदर्शन में अब तक 5 की मौत हो चुकी है और 105 घायल हो चुके हैं। पुलिस के सामने अब मंगलवार को उपद्रवियों को काबू पाना बड़ी चुनौती होगी क्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूएस की फर्स्ट लेडी मेलानिया ट्रंप आज दिनभर दिल्ली में मौजूद रहेंगे।

दिल्ली के हालातों पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने देर शाम आपात बैठक बुलाई। यह बैठक 10 बजे तक चली जिसमें दिल्ली के हालातों पर तुरंत काबू के लिए उच्चस्तरीय मंथन हुआ। उधर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी सुबह साढ़े दस बजे सभी विधायकों और सचिवों की बैठक बुलाई है।

इस बीच खबर है कि दिल्ली के मौजपुर इलाके में एक बार फिर तनाव बढ़ गया है। मंगलवार सुबह मौजपुर और ब्रह्मपुरी में आगजनी और पत्थरबाजी फिर शुरू हो गई है। उपद्रवियों ने पांच बाइकें जलाई गईं। मौके पर भारी पुलिस फोर्स तैनात है। दिल्ली में एक बार फिर शुरू हुई हिंसा के मद्देनजर 5 मेट्रो स्टेशन- जाफराबाद, मौजपुर-बाबरपुर, गोकुलपुरी, जौहरी एनक्लेव और शिव विहार आज भी बंद रहेंगे। वेलकमनगर मेट्रो स्टेशन पर ही यात्रा समाप्त की जा रही है। कुछ इलाकों में आज स्कूल कॉलेज भी बंद रहेंगे।

आज दिनभर दिल्ली में रहेंगे ट्रंप

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप आज सुबह से लेकर रात तक दिल्ली में रहेंगे। इस दौरान वह राजघाट में गांधी समाधि पर भी जाएंगे। इसलिए पुलिस के लिए हिंसा, उपद्रव और आगजनी रोकना बड़ी चुनौती होगी। रविवार को हुई हिंसा के मामले में नॉर्थ ईस्ट जिला पुलिस उपद्रवियों के खिलाफ चार मुकदमे दर्ज कर चुकी थी। सोमवार को उपद्रव बढ़ गया था, इसलिए देर रात तक पुलिस ने मुकदमे दर्ज नहीं किए थे। उपद्रव के दौरान तीन मौत और पुलिसवालों समेत सैकड़ों लोगों के जख्मी होने से मर्डर और दंगे की धाराओं में अलग-अलग मुकदमे दर्ज होने तय हैं।

सड़कों पर भारी फोर्स मौजूद

पुलिस के आला अफसरों के मुताबिक, नॉर्थ ईस्ट जिले की हिंसा के मद्देनजर सीआरपीएफ की दस कंपनियों को वहां भेज दिया गया है। ये मंगलवार को उपद्रव से प्रभावित इलाकों में तैनात रहेंगे। इनमें दो कंपनियां रैपिड एक्शन फोर्स की भी हैं। क्राइम ब्रांच, स्पेशल स्टाफ, स्पेशल ब्रांच और विभिन्न यूनिट्स में तैनात पुलिसवालों को भी मंगलवार को मैदान में उतरने के निर्देश दे दिए गए हैं। इससे माना जा रहा है कि पुलिस की तादाद मंगलवार को सड़क पर ज्यादा दिखाई दे देगी।

आला अधिकारियों को शाह ने किया तलब

उत्तर-पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद में शुरू हुई हिंसा को तुरंत काबू करने के लिए गृह मंत्रालय की ओर से देर रात तक बैठक होती रही। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने तमाम आला हुक्मरानों को इस आपात बैठक में तलब किया है। उधर केंद्रीय गृह सचिव ए.के. भल्ला ने हालात पर कड़ी नजर रखे होने की बात कही है। उन्होंने हर हाल में शांति कायम करने के लिए की गई सभी जरूरी व्यवस्था पर संतुष्टि जताई।

सोमवार दोपहर हिंसा ने लिया विकराल रूप

बता दें कि शनिवार-रविवार से धीरे-धीरे फैली हिंसा की आग ने सोमवार को विकराल रूप धारण कर लिया। सीएए के विरोध और पक्ष में जुटी भीड़ आमने-सामने आ गई। दोनों तरफ से जमकर पथराव और फायरिंग हुई। सोमवार को दोपहर बाद सीएए विरोधी भीड़ में से निकले एक युवक सीएए समर्थकों की भीड़ पर तमंचे से गोली चला दी, जिससे हड़कंप मच गया। गोली चलाने वाला युवक भीड़ का फायदा उठाकर मौके से फरार हो गया। दिल्ली पुलिस के सूत्रों के मुताबिक शाहरुख नाम के इस युवक को हिरासत में ले लिया गया है।

अब तक 5 की मौत, 105 घायल

बता दें कि दिल्ली में सोमवार को हुए हिंसक घटना में अब तक एक हेड कॉन्स्टेबल और 4 नागरिकों की मौत हो चुकी है। इसके अलावा 105 लोग घायल हैं। घायलों को उपचार के लिए जीटीबी और अन्य अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। उपद्रव की चपेट में सबसे ज्यादा नॉर्थ ईस्ट जिले के चार थाना इलाके हैं। दिल्ली पुलिस ने जिले के दस थाना इलाकों में धारा 144 लगा दी है। चार लोगों के एक साथ खड़े होने पर पाबंदी लग चुकी है।

उपद्रवियों ने कई राउंड फायरिंग की

फिर भी देर रात तक हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही थी। दिनदहाड़े सरेआम पिस्टल लहराकर फायरिंग होने से इलाके के लोग सहमे हुए हैं। देर रात तक भजनपुरा थाना इलाके के नूर-ए-इलाही और दयालपुर थाना इलाके के मुस्तफाबाद में देर रात तक उपद्रव चलता रहा। दावा किया गया कि उपद्रवियों ने कई राउंड फायरिंग की। इससे स्थानीय निवासियों ने नौकरी और पढ़ने के लिए घर से बाहर गए अपने बच्चों को अपने रिश्तेदारों के यहां जाने को कह दिया।

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