MSP लूट का खुलासा: 1 से 31 मार्च 2021 तक गेहूँ की फसल में 196.93 करोड़ की तो कर्नाटक में 27.99 करोड़ की लूट - योगेंद्र यादव

किसान नेता योगेंद्र यादव द्वारा MSP लूट का खुलासा

Update: 2021-04-02 12:07 GMT

जय किसान आंदोलन के संस्थापक योगेंद्र यादव ने कहा कि यदि अन्य फसलों की तरह गेहूँ पर भी किसानों की लूट हुई है और एमएसपी पर सरकार के दावे खोखले साबित हुए हैं।#MSPLootCalculator प्रधानमंत्री के हवाई दावे का भंडाफोड़ करता है। वहीं सबसे ज्यादा नुकसान मक्का के किसानों को, 8.12 करोड़ का नुकसान पिछले 31 दिनों में कर्नाटक में हुआ है।

फसल: गेहूँ

समय अवधि : 1 से 31 मार्च 2021

● गेहूँ की फसल में किसानों के साथ मार्च महीने में 196.93 करोड़ की लूट।

● सबसे ज्यादा नुकसान मध्यप्रदेश के किसानों को, 77.17 करोड़ का नुकसान पिछले 31 दिनों में।

● अन्य फसलों की तरह गेहूँ पर भी किसानों की लूट हुई है और एमएसपी पर सरकार के दावे खोखले साबित हुए हैं.

सरकार ने गेहूँ का न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी ₹1975 निर्धारित किया था। लेकिन देश के सभी मंडियों में किसान को औसतन ₹1836 ही मिल पाए। यानी कि किसान को प्रति क्विंटल सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम से भी कम बेचने के कारण ₹139 का घाटा सहना पड़ा।

1 मार्च से 31 मार्च के बीच किसान को गेहूँ एमएसपी से नीचे बेचने की वजह से 196.93 करोड रुपए का घाटा हुआ।

एमएसपी की तुलना में सबसे कम दाम मिलने के मामले में छत्तीसगढ़ के किसानों की स्थिति सबसे बुरी थी क्योंकि उसे औसतन केवल ₹1453 ही मिल पाए यानी छत्तीसगढ़ के गेहूँ उत्पादक किसान को ₹522 प्रति क्विंटल की लूट सहनी पड़ी। वहीं कुल लूट के मामले में मध्यप्रदेश के किसानों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। इन 31 दिनों में मध्यप्रदेश के गेहूँ उत्पादक किसान की कुल ₹77.17 करोड़ की लूट हुई जबकि उत्तर प्रदेश और राजस्थान के किसान की ₹67.75 करोड़ और ₹29.05 करोड़ की लूट हुई। (पूरी सूचना संलग्न तालिका में है)।

राज्य: कर्नाटक

समय अवधि : 1 से 31 मार्च 2021

● कर्नाटक के किसानों के साथ मार्च महीने में 27.99 करोड़ की लूट।

● सबसे ज्यादा नुकसान मक्का के किसानों को, 8.12 करोड़ का नुकसान पिछले 31 दिनों में।

1 मार्च से 31 मार्च के बीच कर्नाटक के किसानों को विभिन्न फसलों को एमएसपी से नीचे बेचने की वजह से 27.99 करोड रुपए का घाटा हुआ।

एमएसपी की तुलना में सबसे कम दाम मिलने के मामले में कुसुम उत्पादक किसानों की स्थिति सबसे बुरी थी क्योंकि उसे ₹5327 की तुलना में औसतन केवल ₹4175 ही मिल पाए यानी कुसुम उत्पादक किसान को ₹1152 प्रति क्विंटल की लूट सहनी पड़ी। वहीं कुल लूट के मामले में मक्का उत्पादक किसानों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। इन 31 दिनों में कर्नाटक के मक्का उत्पादक किसान की कुल ₹8.11 करोड़ की लूट हुई जबकि चना और रागी उत्पादक किसानों की ₹6.95 करोड़ और ₹4.97 करोड़ की लूट हुई। (पूरी सूचना संलग्न तालिका में है)।

जय किसान आंदोलन के संस्थापक योगेंद्र यादव ने कहा कि कर्नाटक के किसान वर्षों से एमएसपी के लिए आंदोलन कर रहें हैं पर सरकार उन्हें एमएसपी दिलाने के बजाए मंडी व्यवस्था ही खत्म करने पर तुली हुई है।

जय किसान आंदोलन के राष्ट्रीय संयोजक अवीक साहा ने कहा कि #MSPLootCalculator नियमितता से सरकारी आँकड़ों का इस्तेमाल करते हुए प्रधानमंत्री के हवाई दावे का भंडाफोड़ कर रहा है।

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