मुखर्जी नगर हादसे की पूरी कहानी: हादसे के समय यहां 300 छात्र थे मोजूद, 61 छात्रों को आई चोट, अस्पताल में भर्ती
Full story of Mukherjee Nagar accident;
दिल्ली के मुखर्जी नगर की ज्ञान बिल्डिंग में गुरुवार दोपर आग लग गई. इस बिल्डिंग में कई कोचिंग सेंटर चलते हैं. हादसे के समय यहां 300 छात्र मोजूद थे. बिल्डिंग से धुआं उठते देख अफरा तफरी मच गई. जान बचाने के लिए तीसरी और पांचवी मंजिल पर मौजूद छात्र गर्म पाइप और रस्सी पकड़कर किसी तरह नीचे उतरे. इस तरह नीचे आने से कई छात्रों के हाथों में छाले पड़ गए.
हादसे में 61 छात्रों को चोट आई, जिनमें से 2 गंभीर हैं. 20 छात्रों का इलाज हिंदू राव अस्पताल तो 15 का बाबू जगजीवन राम अस्पताल में हुआ. इनमें से 50 छात्रों को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया. जबकि 11 का इलाज अब भी जारी है. गंभीर छात्रों का इलाज सफदरजंग अस्पताल में चल रहा है. पुलिस ने इस घटना के बाद मामला दर्ज कर लिया है.
तीन अलग-अलग अस्पतालों में कराया भर्ती
पुलिस में दर्ज केस के मुताबिक उन्हें दोपहर के समय मुखर्जी नगर के भंडारी हाउस, बत्रा कॉम्प्लेक्स, में आग लगने की सूचना मिली. 10 फायर टेंडर और 16 कैट एंबुलेंस मौके पर पहुंचीं. 61 छात्रों को इलाज के लिए 3 अस्पतालों में भर्ती कराया गया. शुरुआती जांच में पता चला कि बिल्डिंग के ग्राउंड फ्लोर पर लगे बिजली के मीटर में आग लगने के कारण हादसा हुआ. दिल्ली पुलिस के मुताबिक, आग करीब 11.45-11.50 बजे लगी थी.
चश्मदीद ने सुनाया आंखों-देखा वाकया
घटना के चश्मदीद और यूपीएससी की तैयारी कर रहे हेमंत सिंह ने बताया,'उस समय करीब 12 बज रहे थे. क्लास रोज ही की तरह तीसरे माले पर चल रही थी. क्लास शुरू होने के 20-25 मिनट ही हुए थे कि अचानक बिजली चली गई. लोगों की नजर खिड़की से उठ रहे काले धुएं पर पड़ी. भागो-भागो का शोर होने लगा. सब छत पर चले गए. मेरी धड़कनें बहुत तेज हो रही थीं. लग रहा था कि कैसे भी जान बच जाए.
बिल्डिंग की छत पर चले गए थे छात्र
हेमंत ने आगे बताया कि धुएं की वजह से घुटन हो सकती थी. इसलिए उन्होंने तत्परता दिखाते हुए साथी छात्रों के साथ मिलकर खिड़की को तोड़ दिया. धुएं से घुटन न हो इसलिए थोड़ी ही देर बाद स्टाफ की मदद से कमरे के AC को भी हटा दिया गया. इसके बाद मैनेजमेंट की मदद से सभी बच्चों को बिल्डिंग की छत पर ले जाया गया. हेमंत ने बताया कि आग नीचे सीढ़ी पर लगी थी इसलिए कोई गंभीर नुकसान नहीं हुआ.
आसपास के दुकानदारों ने की मदद
हादसे में फंसे रहे छात्र-छात्राओं ने बताया कि हम सबकी पास के दुकानदारों ने भी काफी मदद की. उन्होंने छात्रों के लिए अपनी दुकानों से पानी की छोटी-छोटी बोतलें ऊपर उछालकर हम तक पहुंचाईं. स्टाफ मनीष ने बताया कि पुलिस चौकी बगल में ही थी, इसलिए पुलिस की टीम हादसे की जगह पर 10 मिनट के अंदर ही पहुंच गई. आधे घंटे के अंदर ही दमकल टीम और उसकी 10-11 गाड़ियां भी रेस्क्यू के लिए पहुंच गई थी.
साभार आज तक