जानिए कैसे होगा नवोदय विद्यालय में आपके बच्चे का एडमिशन

नवोदय विद्यालय समिति छात्रों से आठवीं क्लास तक कोई भी फीस नहीं ली जाती है. क्लास 9th से ₹600 प्रति माह फीस सामान्य श्रेणी के लड़कों से ली जाती है जो बीपीएल कैटेगरी के अंतर्गत आते हैं उनसे कोई फीस नहीं ली जाती है.

Update: 2023-04-06 12:55 GMT

नवोदय विद्यालय समिति छात्रों से आठवीं क्लास तक कोई भी फीस नहीं ली जाती है. क्लास 9th से ₹600 प्रति माह फीस सामान्य श्रेणी के लड़कों से ली जाती है जो बीपीएल कैटेगरी के अंतर्गत आते हैं उनसे कोई फीस नहीं ली जाती है. साथ ही अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के लड़कों से भी कोई शुल्क नहीं लिया जाता है. जवाहर नवोदय विद्यालय मुख्य रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में प्रतिभाशाली छात्रों के लिए केंद्रीय विद्यालय का ही एक सिस्टम है जो स्टूडेंट फाइनैंशल परेशानी से जूझ रहे हैं और गांव में होने की वजह से अच्छी शिक्षा नहीं पा पाते हैं. यह स्कूल खासतौर से उन्हीं के लिए बनाए गए हैं.

 यह स्कूल नवोदय विद्यालय समिति नोएडा शिक्षा मंत्रालय के तहत स्वायत्त संगठन द्वारा चलाए जाते हैं. जवाहर नवोदय पूरी तरह से को-एड स्कूल है. यह केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से एफिलेटेड है. स्कूलों में छठी से 12वीं कक्षा तक पढ़ाई होती है. जवाहर नवोदय के सभी गतिविधियों के लिए बजट शिक्षा मंत्रालय द्वारा प्रदान किया जाता है. पहले 3 वर्षों के दौरान छात्रों के लिए यह निशुल्क है. क्लास नाइंथ से प्रतिमाह ₹600 प्रति माह का शुल्क लिया जाता है.

 इस फीस में भी कैटेगरी के मुताबिक छूट दी जाती है. जवाहर नवोदय तमिलनाडु के अलावा पूरे भारत में मौजूद है। 31 दिसंबर 2022 तक 661 जवाहर नवोदय चल रहे थे जिसमें लगभग 287568 छात्र नामांकित थे, जिनमें से 251430 ग्रामीण क्षेत्रों से थे। 2022 में सीबीएसई के सभी स्कूलों में से जवाहर नवोदय के 10वीं और 12वीं में 99.71 प्रतिशत और 98.93 प्रतिशत पास होने वाले टॉप स्कूल बने.

 जवाहर नवोदय विद्यालय में एडमिशन लेने के लिए आपको एंट्रेंस एग्जाम देना होगा. यह टेस्ट सीबीएससी पर आधारित होते हैं. परीक्षा को जवाहर नवोदय विद्यालय चयन परीक्षा कहा जाता है. एडमिशन के समय इस बात का ध्यान रखा जाता है कि दूरदराज के क्षेत्रों के बच्चे को बिना किसी कठिनाई के निशुल्क प्रवेश प्राप्त हो जाए. दूरदर्शन, ऑल इंडिया रेडियो ,स्थानीय समाचार पत्रों, पंपलेट ,विद्यालय की वेबसाइट के माध्यम से इन विद्यालयों के बारे में जाना जा सकता है. एक जिले में स्कूल में कम से कम 75% सीटें जिले के ग्रामीण क्षेत्रों के छात्रों द्वारा भरी जाती है. खाली सीट आरक्षण मानदंड के द्वारा जिले के शहरी और ग्रामीण दोनों उम्मीदवारों को योग्यता के आधार पर दी जाती हैं. कोटे के तहत प्रवेश पाने वाले उम्मीदवार योग्यता के आधार पर प्रवेश ले सकते हैं. छठी क्लास में दाखिला लेने के अलावा नाइंथ क्लास में भी दाखिले होते हैं. क्लास के दाखिले एंट्रेंस के आधार पर होते हैं. 6th क्लास का एंट्रेंस 2 घंटे का होता है जबकि 9th क्लास का एंट्रेंस ढाई घंटे का होता है. 

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