दिल्ली हिंसा:दिल्ली हिंसा का डरावना सच, पत्थरबाजी से 22 लोगों की मौत, 13 गोली के शिकार

हिंसा के दौरान मारे गए लोगों में ज्यादातर की उम्र 20 और 30 वर्ष के बीच है

Update: 2020-02-29 08:36 GMT

बीते दिनों नार्थ ईस्ट दिल्ली में हुई हिंसा में मारे गए लोगों में 22 लोगों की मौत पत्थरबाजी की वजह से हुई है. पुलिस ने शुक्रवार को नॉर्थ ईस्ट दिल्ली में हुई हिंसा में 35 लोगों के मारे जाने का कारणों का खुलासा किया और उनकी मौत की वजह बताई 35 में से 22 की मौत पथराव या उन पर हुए शारीरिक हमले से हुई है. जबकि 13 लोगों की मौत बंदूक की गोली लगने से हुई है.

 पुलिस रिपोर्ट के मुताबिक अब तक के उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक हिंसा के दौरान मंगलवार तक 35 लोगों ने चोट लगने या गोली लगने या अन्य कारणों से दम तोड़ दिया गोली लगने से 13 लोगों की मौत हो गई जबकि 22 लोग चोट लगने की वजह से घायल हुए और बाद में उनकी मौत हो गई.

दिल्ली पुलिस प्रवक्ता ने यह भी कहा इस हिंसा के दौरान मारे गए लोगों में ज्यादातर की उम्र 20 और 30 वर्ष के बीच है हालात अस्पताल के अधिकारी मरने वालों की संख्या 41 बता रहे हैं.

हमले या पथराव में मरने वाले लोगों की सूची.

आलोक तिवारी (32 साल- शारीरिक हमले के कारण)

मोहसिन (25 साल- शारीरिक हमला)

सलमान (24 साल- पथराव)

IB के कर्मचारी अंकित शर्मा (26 साल -शारीरिक यातना)

असफाक हुसैन (शारीरिक हमला)

दिलबर सिंह नेगी (21 साल- शारीरिक हमला)

महरुफ अली (32 साल- शारीरिक हमला)

मेहताब (22 साल- शारीरिक हमला)

जाकिर (24 साल- शारीरिक हमला)

दीपक कुमार (34 साल- छुरा)

गोली लगने की वजह से हुई मौत

अमन (18 साल)

दिनेश (35 साल)

हेड कांस्टेबल रतन लाल (42 साल)

इस्तयाक (24 साल)

मोहम्मद मुबारक हुसैन (28 साल)

मोहम्मद मुदस्सर (30 साल)

प्रवेश (48 साल)

राहुल सोलंकी (26 साल)

वीर भान (50 साल)

मोहम्मद फुरकान (30 साल)

शाद मोहम्मद (35 साल)

हालांकि दिल्ली पुलिस ने अब तक राहुल ठाकुर, फैजान, नितिन और विनोद की मौत के कारणों की पहचान नहीं की है. इस बीच दिल्ली पुलिस के मुताबिक नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली की इस हिंसा में अब तक 123 एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं. इस मामले में पुलिस ने अब तक 100 लोगों को गिरफ्तार भी किया है, जबकि 530 लोगों को हिरासत में लिया गया.

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