दागी उम्मीदवारों में 'आप' टॉप पर वही 12वीं से भी कम पढ़े लिखे है आधे से ज्यादा दिल्ली विधानसभा प्रत्याशी

नेताओं के पोस्टर्स में आपने 'ईमानदार और साफ छवि' लिखा हुआ बहुत बार देखा होगा लेकिन कितना पढ़ा लिखा है ऩही देखा होगा।

Update: 2020-02-02 10:25 GMT

नई दिल्ली। नेताओं के पोस्टर्स में आपने 'ईमानदार और साफ छवि' लिखा हुआ बहुत बार देखा होगा, लेकिन असल राजनीति में उनका कितना ही सरोकार है उससे जुड़ा हुआ आकंड़ा आया है। दिल्ली विधानसभा चुनाव में खड़े कुल 672 प्रत्याशियों में से 20 प्रतिशत (133) के खिलाफ क्रिमिनल केस हैं। वही चुनाव के दौरान जनता की ओर से सही दावेदार का चयन किया जाए, इसके लिए सबसे ज्यादा जरूरी है कि जनता को अपने नेताओं के बारे में पूरी जानकारी हो। इसमें प्रत्याशियों की शैक्षणिक योग्यता भी बहुत मायने रखती है।

हैरानी वाली बात यह है कि राजनीति सुधारने का दावा करनेवाली आम आदमी पार्टी के 51 प्रतिशत उम्मीदवार दागी हैं। यह बात असोसिएशन ऑफ डिमोक्रेटिक रिफॉर्म (एडीआर) के आंकड़ों में सामने आई है। संस्था के अनुसार दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के 25 प्रतिशत प्रत्याशी और बीजेपी के 20 प्रतिशत प्रत्याशियों ने अपने चुनावी हलफनामों में यह घोषणा की है कि उनके खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं।

एडीआर ने कहा कि कांग्रेस के भी 15 प्रतिशत प्रत्याशियों ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज होने की घोषणा की है। आठ फरवरी को होने जा रहे दिल्ली विधानसभा चुनाव में इस बार 672 प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं। आप पार्टी के 36 उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। वही भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के 67 उम्मीदवारों में से 17 के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। लिस्ट में कांग्रेस तीसरे, बीएसपी चौथे और एनसीपी पांचवे नंबर पर है।

 जानिए दिल्ली विधानसभा चुनाव में दावेदारी ठोक रहे प्रत्याशियों की शैक्षणिक योग्यता कितनी है, कितने प्रत्याशियों ने कितनी पढ़ाई-लिखाई की है।

असोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की ताजी रिपोर्ट के अनुसार इस बार मैदान में खड़े कुल प्रत्याशियों में से 51 प्रतिशत प्रत्याशी 12वीं या उससे कम कक्षा तक पढ़े हैं। ऐसे प्रत्याशियों की संख्या 340 है। वहीं 44 प्रतिशत यानी 298 प्रत्याशियों ने स्नातक या उससे अधिक पढ़ाई की है। 12 उम्मीदवार अलग-अलग विषयों में डिप्लोमा धारक हैं। वहीं 6 उम्मीदवार ऐसे भी हैं जो केवल साक्षरता की आवश्यकता को पूरा करते हैं और इसीलिए साक्षर की श्रेणी में हैं। जबकि, 16 उम्मीदवार निरक्षर हैं, जिन्हें आधिकारिक रूप से पढ़ना लिखना नहीं आता।

बता दें कि इस बार विधानसभा चुनावों में राष्ट्रीय दलों के 210, राज्य पार्टियों के 90, पंजीकृत गैर मान्यता प्राप्त दलों के 224 और 148 निर्दलीय उम्मीदवार चुनावी समर में किस्मत आजमा रहे हैं। इनमें से 12 प्रतिशत यानी 79 महिला और बाकी सारे पुरुष उम्मीदवार हैं।

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