चौथे दिन भी शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों के बीच पहुंची वार्ताकार साधना रामचंद्रन इस तरह हुई बातचीत

Update: 2020-02-22 07:08 GMT

सुप्रीम कोर्ट की ओर से नियुक्त वार्ताकार साधना रामचंद्रन लगातार चौथे दिन शनिवार सुबह प्रदर्शनकारियों के बीच पहुंची हैं और उन्हें रास्ता खोलने के लिए समझा रही हैं। साधना ने शाहीन बाग में कहा, 'हमने कभी नहीं कहा कि शाहीन बाग छोड़कर चले जाओ, रामलीला मैदान चले जाओ. मैंने कभी नहीं कहा कि पार्क में चले जाओ. ये गलतफहमियां हम लोगों को तोड़ती हैं. हमने कभी सड़क खुलवाने की कोशिश नहीं की. यह अफवाह थी.'

'शाहीन बाग के लोग कभी गलत कदम नहीं उठाएंगे'

साधना ने आगे कहा कि, 'इस तरह की गलतफहमियां आपके आंदोलन को तोड़ती हैं. इन गलतफहमियों से हम लोगों को कोई नुकसान नहीं होगा, लेकिन आप लोगों को नुकसान होगा. हम भी सोचते हैं कि, शाहीन बाग के लोग कभी गलत कदम नहीं उठाएंगे. अब हमें सोचना है, गलतफहमियां पालना चाहते हैं कि देश को सही रास्ते पर ले जाना चाहते हैं. मैं कहती हूं- शाहीनबाग में खूबसूरत पार्क बनना चाहिए. मैं यह बाद के लिए कह रही हूं.'

शुक्रवार को बातचीत के दौरान प्रदर्शनकारियों ने वार्ताकारों से सुप्रीम कोर्ट से सुरक्षा का आश्वासन मांग लिया। वार्ताकारों ने मौके पर मौजूद शाहीन बाग एसएचओ विजय पाल से पूछा कि यदि एक ओर का रास्ता चालू हो जाए तो कोई दिक्कत तो नहीं? पुलिस ने सुरक्षा का भरोसा दिया तो प्रदर्शनकारियों ने लिखित आश्वासन मांगा। वार्ताकारों ने नोएडा की ओर के रास्ते बंद करने पर पुलिस से नाराजगी भी जताई। उनका कहना था कि शुक्रवार को रास्ता चालू करने के बाद दोबारा क्यों बंद किया गया?

बातचीत की शुरुआत से पहले मध्यस्थों ने पुरुष प्रदर्शनकारियों को बाहर जाने को कहा, उसके बाद मंच से उतर कर महिलाओं के बीच जाकर वार्ता शुरू की। इस दौरान एक महिला ने कहा कि जामिया के छात्रों ने एक तरफ रास्ता खोला था तो उसका नतीजा पूरी दुनिया ने देखा। जामिया की तरह अगर कोई गोली चला दे तो माहौल तनावपूर्ण हो सकता है। इसलिए कोर्ट सुरक्षा का भरोसा दे तो रास्ता खाली कर देंगे। इस पर हेगड़े ने कहा, फैसला लेने का अधिकार सरकार को है। कुल मिलाकर तीसरे दिन की बातचीत भी बेनतीजा रही। प्रदर्शनकारी बिना आश्वासन बात सुनने को तैयार नहीं हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने वार्ताकारों को 24 फरवरी को रिपोर्ट देने को कहा है। इसलिए वार्ताकारों के पास केवल दो दिन बचे हैं। शनिवार व रविवार को यदि रास्ता खाली करने पर सहमति नहीं बनी तो अगली सुनवाई में इस पर कोई फैसला होगा। वार्ताकार दिल्ली पुलिस के अधिकारियों से भी बातचीत कर सकते हैं।

Tags:    

Similar News