निर्भया केस: दोषी विनय ने सजा काटते हुए जेल में ही लिखी डायरी, नाम सुनते ही उड़ जायेंगे होश

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Update: 2020-01-25 12:36 GMT

दिल्ली। निर्भया के दोषियों को फांसी की सजा के लिए एक फरवरी का डेथ वारंट जारी हो चुका है. फांसी से बचने के लिए दोषी सभी तरह के हथकंडे अपनाने में लगे हैं तो तीन दोषियों अक्षय, पवन, विनय की तरफ से पटियाला हाउस कोर्ट में डाली गई याचिका आज यानि 25 जनवरी को खारिज कर दी गई। हालांकि इस केस की सुनवाई के दौरान दो दिनों में कुछ ऐसी बातें निकलकर आई हैं, जो दोषी विनय शर्मा के बारे में कुछ और बातें सामने लाती हैं। जानिए क्या हैं वो खास बातें....

तिहाड़ प्रशासन ने अदालत को बताया कि जेल में रहते हुए विनय शर्मा ने कुछ पेंटिंग बनाई थीं। सिर्फ यही नहीं उसने 19 पन्नों की एक नोटबुक भी लिखी थी। विनय ने खुद उसका नाम 'दरिंदा' रखा है। सिर्फ यही नहीं विनय के वकील का कहना है कि उसने एक 170 पन्नों की डायरी भी लिखी थी, जिसे तिहाड़ नहीं दे रहा है। इसके लिए विनय के वकील हाईकोर्ट भी जाएंगे। इसके अलावा विनय ने जेल में कुछ स्केच भी बनाए हैं।

दोषियों के वकील एपी सिंह ने इस दौरान तिहाड़ पर ये आरोप भी लगाया कि विनय को धीमा जहर भी दिया गया जिसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा, लेकिन अब तिहाड़ उन्हें चिकित्सा रिपोर्ट नहीं दे रहा। उन्होंने आगे कहा कि उन्हें शुक्रवार रात को तिहाड़ से कुछ दस्तावेज मिले हैं लेकिन विनय की निजी डायरी और चिकित्सा रिपोर्ट नहीं मिला है।

बता दें कि इन सभी की मांग विनय के वकील ने इसलिए की है क्योंकि वह उसकी दया याचिका राष्ट्रपति को भेजना चाहते हैं। वह दया याचिका के साथ इन सब दस्तावेजों को भी भेजेंगे। तो एक दोषी मुकेश फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है. जहां उसने राष्ट्रपति के फैसले को चुनौती दी है मुकेश ने अपनी याचिका में कहा है कि जिस तेजी से दया याचिका पर फैसला लिया गया. उससे लगता है कि राष्ट्रपति ने याचिका में लिखी बातों पर ठीक से विचार किये बिना उसे खारिज किया है. बता दें कि राष्ट्रपति ने इस महीने की शुरुआत में मुकेश की दया याचिका खारिज कर दी थी।

बता दें कि 16 दिसंबर, 2012 को दिल्ली के वसंत विहार में चलती बस में 23 वर्षीय निर्भया के साथ बेरहमी के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया था, जिसके बाद उसकी मौत हो गई थी. इसमें छह लोग शामिल थे, जिसमें राम सिंह ने जेल में फांसी लगा ली थी, जबकि एक नाबालिग सजा पूरी कर चुका है. वहीं चार अन्य दोषियों को निचली अदालत, दिल्ली हाई कोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट भी फांसी की सजा सुना चुका है। 

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