निर्भया केस: जल्लाद ने कही बड़ी बात, निर्भया की मां का सामना करने की....

Update: 2020-01-08 07:38 GMT

नई दिल्ली। सात साल पहले देश को दहला देने वाले निर्भया सामूहिक दुष्कर्म मामले के दोषियों को फांसी पर लटकाने का दिन और वक्त मुकर्रर हो गया। पटियाला हाउस कोर्ट ने मंगलवार अपराह्न 4:48 बजे इस मामले के चारों दोषियों का डेथ वारंट जारी कर दिया। इसके मुताबिक 22 जनवरी सुबह 7 बजे निर्भया के गुनहगारों को तिहाड़ जेल में फांसी के फंदे पर लटकाया जाएगा।

निर्भया कांड की जब बात होती है तो जल्लाद का दिल भी ऐसे मामलों में कमजोर हो जाता है. ऐसा ही कुछ हुआ पवन जल्लाद के साथ भी. पवन जल्द ही निर्भया के दोषियों को फांसी देने जा रहा है और उसका कहना है कि यदि यह निर्णय उसके हाथ में होता तो वह एक घंटे में ही चारों को फांसी दे देता।

लेकिन निर्भया की मां आशा देवी से मिलने की बात पर पवन कहता है कि मैं किसी भी अपराधी को फांसी पर चढ़ा सकता हूं, किसी की भी मौत देख सकता हूं लेकिन उस मां का सामना करने की हिम्मत नहीं है. पवन का कहना है कि अब मैं उनसे उसी दिन मुलाकात करूंगा जब चारों को फांसी पर चढ़ा दूंगा.

पवन ने कहा कि वैसे तो मेरी कभी भी आशा देवी से मुलाकात नहीं हुई, लेकिन एक दो बार टीवी कार्यक्रम के दौरान आमने सामने जरूर आए. हालांकि मैं ही अलग हट गया. बेटी के दोषियों के जिंदा रहने का दर्द उनके चेहरे पर साफ नजर आता है. पवन ने कहा कि उन्हें चैन तभी मिलेगा जब चारों को फांसी हो जाएगी. जिस शिद्दत के साथ एक मां अपनी बेटी के गुनहगारों को सजा दिलाने के लिए दिन-रात एक किए हुए है, उसे देखकर अफसोस होता है कि ये चारों अभी तक जिंदा क्यों हैं।

पवन जल्लाद मेरठ की आलोक विहार कॉलोनी में रहता है. पवन का परिवार पीढ़ी दर पीढ़ी जेल में फांसी देने का काम करता रहा है. पवन से पहले उसके परदादा लक्ष्मण सिंह, दादा कल्लू जल्लाद और पिता मम्मू सिंह भी फांसी देने का काम करते थे. इसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए अब पवन फांसी देता है।


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