निर्भया केस: दोषी पवन की अर्जी पर 24 जनवरी को नहीं, आज ही होगी HC में सुनवाई, पवन दिया था ये दलील

Update: 2019-12-19 05:34 GMT

दिल्ली। निर्भया गैंगरेप केस में दोषी पवन कुमार गुप्ता की याचिका पर आज सुनवाई टल गई है. गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले की सुनवाई की अगली तारीख 24 जनवरी, 2020 मुकर्रर की है. दोषी पवन के वकील एपी सिंह ने कोर्ट से इस मामले में नए कागजात दाखिल करने के लिए समय मांगा है। लेकिन दोषी पवन की अर्जी पर 24 जनवरी को नहीं, आज ही यानि 19 दिसंबर को होगी HC में सुनवाई।

दरअसल पवन ने यह दावा किया है कि दिसंबर 2012 में जब ये अपराध हुआ, तब वो नाबालिग  था. पवन ने घटना के समय नाबालिग घोषित करने का अनुरोध करते हुए आरोप लगाया कि जांच अधिकारी ने उसकी उम्र का पता लगाने के लिए हड्डियों संबंधी जांच नहीं की. उसने जुवेनाइल जस्टिस कानून के तहत छूट का दावा किया. अपनी याचिका में दोषी ने कहा कि जेजे कानून की धारा 7ए में प्रावधान है कि नाबालिग होने का दावा किसी भी अदालत में किया जा सकता है और इस मुद्दे को किसी भी समय यहां तक कि मामले के अंतिम निपटारे के बाद भी उठाया जा सकता है।  

बता दें कि अदालत ने पवन को मौत की सजा सुनाई है और फिलहाल वो दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद है. उसने अनुरोध किया कि संबंधित प्राधिकरण को उसके नाबालिग होने के दावे का पता लगाने के लिए हड्डियों संबंधी जांच करने का निर्देश दिया जाए. सुनवाई टाले जाने के बाद माना जा रहा है कि अब 24 जनवरी तक पवन को फांसी नहीं दी जा सकेगी।

इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर पवन ने अपने आपको नाबालिग बताया है. वहीं निर्भया गैंगरेप केस के चारों दोषियों को दया याचिका दाखिल करने के लिए सात दिन की मोहलत मिली है. पटियाला हाउस कोर्ट ने बुधवार को सुनवाई के दौरान तिहाड़ जेल प्रशासन को नोटिस जारी करने के लिए कहा. इस नोटिस में दोषियों को सात दिन की मोहलत दी जाएगी, जिसमें वह अपनी दया याचिका दाखिल कर सकते हैं. अब मामले की सुनवाई 7 जनवरी को होगी।

इस मामले के छह दोषियों में से शामिल राम सिंह ने तिहाड़ जेल में खुदकुशी कर ली थी, जबकि एक अन्य जो नाबालिग था, उसे जुविनाइल जस्टिस बोर्ड ने दोषी ठहराते हुए तीन साल की सजा सुनायी थी. इस दोषी किशोर को सुधार गृह में तीन साल गुजारने के बाद रिहा कर दिया गया था।


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