निर्भया : तिहाड़ में सुबह 4 से 6 बजे के बीच क्या हुआ, फांसी से पहले विनय ने नहीं बदले कपड़े- रोते हुए मांगी माफी

निर्भया गैंगरेप केस के सभी चारों दोषियों को आज तिहाड़ जेल में सुबह साढ़े 5 बजे फांसी दे दी गई?

Update: 2020-03-20 03:52 GMT

दिल्ली : निर्भया गैंगरेप केस के सभी चारों दोषियों को आज तिहाड़ जेल में सुबह साढ़े 5 बजे फांसी दे दी गई। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने तड़के तक एक दोषी पवन गुप्ता की अर्जी पर सुनवाई की और उसकी आखिरी अर्जी भी खारिज कर दी। दिल्ली की एक अदालत ने सभी चार दोषियों का 20 मार्च के लिए डेथ वॉरंट जारी किया था।

घड़ी में जैसे ही सुबह 5.30 बजे का वक्त हुआ। तिहाड़ में मौजूद जल्लाद ने लीवर खींच दिया और दोषियों को फांसी पर लटका दिया गया। फांसी से पहले निर्भया के दोषी किस तरह खौफ में थे, यह जेल में मौजूद लोगों ने देखा। फांसी के लिए ले जाते वक्त चारों दोषियों के चेहरे पर डर साफ देखा जा सकता था। इस दौरान एक दोषी घबरा भी गया और वहीं फांसी घर में लेट गया।

फांसी से पहले चारों दोषियों में से सिर्फ मुकेश और विनय ने ही रात का खाना खाया, लेकिन पवन और अक्षय ने खाना नहीं खाया। दोषियों के वकील एपी सिंह ने आरोप भले ही लगाया कि दोषियों को परिवार से नहीं मिलने दिया जा रहा है, लेकिन दोषी मुकेश के परिवार ने फांसी से कुछ देर पहले आखिरी मुलाकात की।

सभी दोषियों ने बेचैनी में आखिरी रात गुजारी। पूरी रात सभी दोषी सो नहीं पाए. दोषियों से नाश्ते के लिए भी पूछा गया, लेकिन उन्होंने मना कर दिया. चारों को तिहाड़ की जेल नंबर 3 में रखा गया. इनमें एक वार्ड नंबर 1 में, दूसरा वार्ड नंबर 7 की सेल में और बाकी दो को नंबर 8 सेल में रखा गया था। इन सेल के रास्ते सीधे फांसी वाली जगह तक जुड़ते हैं।

फांसी देने से पहले तिहाड़ जेल के कई अधिकारी फांसी घर के पास पहुंचे, जिनकी निगरानी में फांसी की प्रक्रिया पूरी हुई। फंदे पर लटकाने से पहले जब दोषियों को नहाने और कपड़े बदलने के लिए कहा गया, तो दोषी विनय ने कपड़े बदलने से इनकार कर दिया। इसके अलावा उसने रोना शुरू कर दिया और माफी मांगने लगा।

फांसी के पहले तिहाड़ के बाहर जुटी भीड़

दोषियों को फांसी दिए जाने से पहले तिहाड़ जेल के बाहर भीड़ जुटी। दिल्ली के स्थानीय लोग, कुछ एक्टिविस्ट फांसी से पहले जेल के बाहर खड़े रहे और 20 मार्च के इस दिन को निर्भया के लिए सच्ची श्रद्धाजंलि वाला बताया। दोषियों के फांसी पर लटकाए जाने के बाद यहां पर कई लोगों ने जश्न भी मनाया और मिठाई भी बांटी।

- फांसी से पहले सुबह 4 बजे चारों दोषियों को उठाया गया और नहाने के बाद नए कपड़े पहनने के लिए कहा गया.

- इसके बाद दोषियों को जेल प्रशासन की ओर से चाय-नाश्ता पूछा गया, हालांकि किसी ने नाश्ता नहीं किया.

- इसके बाद जेल प्रशासन की ओर से दोषियों से उनकी आखिरी इच्छा पूछी.

- ठीक 5.30 बजे चारों दोषियों को तिहाड़ जेल के फांसी घर में फांसी के फंदे पर लटकाया गया.

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