शाहीन बाग: सुप्रीम कोर्ट में आज होगी अहम सुनवाई, वार्ताकार वजाहत हबीबुल्लाह ने पेश की अपनी ये रिपोर्ट

अब तक की वार्ता बेनतीजा रहने के पीछे प्रदर्शनकारियों की गुटबाजी को ही कारण बताया जा रहा है।

Update: 2020-02-24 04:16 GMT

नागरिकता कानून और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर के खिलाफ राजधानी दिल्ली के शाहीन बाग में पिछले साल 15 दिसंबर से प्रदर्शन किया जा रहा है.शाहीन बाग मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई होनी है।  इससे पहले सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त वार्ताकार दो बार प्रदर्शन स्‍थल पर जा चुके हैं. वहीं, वार्ताकारों का सहयोग करने वाले पूर्व मुख्‍य सूचना आयुक्‍त वजाहत हबीबुल्लाह ने इस मामले में एक हलफनामा भी दायर किया है. अपने हलफनामे में हबीबुल्लाह ने दिल्ली पुलिस को कठघरे में खड़ा किया है

इस हलफनामे में कहा है कि नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ शाहीन बाग में विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण चल रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस ने शाहीन बाग के आसपास पांच रास्तों को बंद कर रखा है जिसकी वजह से लोगों को परेशानी हुई। जानकारी के लिए बता दें, इस मामले को सुलझाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने दो वार्ताकार नियुक्त किया है. जिनमें संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन का नाम शामिल है. साथ ही वजाहत हबीबुल्‍लाह को वार्ताकारों का सहयोगी बनाया गया है.

इससे पहले शाहीन बाग का रास्ता खाली कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट की ओर से नियुक्त वार्ताकार संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन अंतिम दिन रविवार को प्रदर्शनस्थल नहीं पहुंचे। उन्हें अब सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में अपनी रिपोर्ट देनी है। अब सभी पक्षों की नजरें एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट पर हैं। वार्ताकारों के आने की उम्मीद में भारी संख्या में जुटे प्रदर्शनकारियों का कहना है कि कोर्ट उनके हक में ही फैसला देगा। उधर, अब तक की वार्ता बेनतीजा रहने के पीछे प्रदर्शनकारियों की गुटबाजी को ही कारण बताया जा रहा है।

शाहीन बाग का रास्ता खाली कराने के लिए दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने प्रदर्शनकारियों से बातचीत के लिए तीन वार्ताकारों को नियुक्त किया था। इनमें से दो संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन ने चार दिन तक प्रदर्शनकारियों को रास्ता खाली करने के लिए मनाया, लेकिन बातचीत हर बार बेनतीजा रही। यहां तक कि एक तरफ का रास्ता खाली करने का प्रस्ताव भी प्रदर्शनकारियों ने कोर्ट व पुलिस से सुरक्षा का लिखित आश्वासन मांगकर टाल दिया। इसके बाद वार्ताकारों ने अपनी रिपोर्ट तैयार कर ली है। उम्मीद है कि सोमवार को सुनवाई के दौरान रास्ता खाली करने को लेकर फैसला आ सकता है।  


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