शाहीन बाग: प्रदर्शनकारियों में दो फाड़ फिर भी नोएडा-फरीदाबाद वाला एक रास्ता खोला

Update: 2020-02-22 13:36 GMT

बीते दो महीने से भी अधिक समय से बंद पड़ा दिल्ली-नोएडा-फरीदाबाद सड़क आखिरकार शनिवार को खुल गया इस रास्ते से सिर्फ छोटी गाड़ियां, कार और बाइक ही जा सकते हैं. इसकी वजह यह है कि यह रास्ता बेहद सकरा है।शाहीन बाग में चल रहे नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों के आंदोलन के कारण यह सड़क बंद पड़ी थी।

इस बीच जानकारी यह भी है कि सड़क खोलने को लेकर प्रदर्शनकारी दो खेमों में बंट गए हैं। जिसकी वजह से एक खेमा सड़क खोले जाने का विरोध कर रहा तो एक पक्ष में है। 9 नंबर सड़क खोले जाने के बाद विरोधी पक्ष ने इसे एक बार फिर बंद कर दिया लेकिन कुछ देर बाद ही इसे फिर खोल दिया गया।  

यह रास्ता होली फैमिली, जामिया, बटला हाउस और अबुल फजल होते हुए नोएडा और फरीदाबाद जाता है. यह रास्ता आगे जाकर नोएडा की तरफ तो बढ़िया है, लेकिन फरीदाबाद की तरफ जाने वाला रास्ता बेहद संकरा है. प्रदर्शनकारियों ने सिर्फ एक तरफ का रास्ता खोला है. हालांकि वापस जाने वाले रास्ते पर अब भी बैरिकेड लगे हैं।

इसकी वजह यह है कि उस पर कोई कट नहीं है और आगे वापसी के रास्ते पर ही प्रोटेस्ट हो रहा है. इसके खुलने से जाम से कोई राहत नहीं मिलने वाली है. पुलिस सूत्रों के मुताबिक जो बैरीकेड महामाया फ्लाई ओवर पर लगाया गया, उसे खोलना तब तक संभव नहीं है, जब तक कि प्रोटेस्ट का एक साइड का रोड नहीं खुल जाता है, क्योंकि इस रोड पर बेहद हैवी ट्रैफिक है।

इस तरह प्रदर्शनकारियों ने शाहीन बाग वाले मुख्य रास्ते को नहीं खोला है. सिर्फ एक वैकल्पिक रास्ते को खोला गया है. प्रदर्शनकारियों द्वारा इस रास्ते को खोलने से स्थानीय लोगों को सहूलियत होगा. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त किए गए वार्ताकारों से बातचीत के बाद अबुल फजल वाले रास्ते को खोलने का फैसला लिया गया है।

इससे पहले शनिवार सुबह वार्ताकार संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन शाहीन बाग पहुंचे और प्रदर्शनकारियों से बातचीत की. वार्ताकारों की कोशिश चौथे दिन रंग लाई और प्रदर्शनकारियों ने उम्मीद का एक रास्ता खोलने को तैयार हो गए।


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