Gupt Navratri 2019: गुप्त नवरात्रि आज से शुरू, देवी मां को खुश करने के लिए करें ये महा उपाय

गुप्त नवरात्रि के दिन विशेष साधना कर मां की कृपा हासिल कर किसी भी असाध्य काम को पूरा किया जा सकता है.

Update: 2019-07-03 02:09 GMT

Gupt Navratri 2019, Navratri 2019: गुप्त नवरात्रि की शुरुआत आज से यानी कि 3 जुलाई गुरुवार से हो चुकी है. हिंदू पांचाग के अनुसार, नवरात्रि साल में चार बार पड़ती है. मान्यता है कि दो नवरात्रि सामान्य होते हैं और दो नवरात्रि गुप्त होते हैं. गुप्त नवरात्रि के दौरान तांत्रिक और अघोरी अपनी मनोकामना पूरी करने और शक्ति हासिल करने के लिए ख़ास विधि से मां की पूजा करते हैं. इस दौरान तांत्रिक गुप्त तरीके से सबकी नजरों से बचाकर मां की पूजा करते हैं. सप्तमी तिथि का क्षय होने के कारण यह नवरात्रि 8 दिनों का है. आइए जानते हैं गुप्त नवरात्रि में कैसे करें मां दुर्गा की पूजा और महाउपाय ताकि आपको मिले मनचाहा फल:

गुप्त नवरात्र में करें ये उपाय:

-गुप्त नवरात्रि के दिन विशेष साधना कर मां की कृपा हासिल कर किसी भी असाध्य काम को पूरा किया जा सकता है. इस दिन शाम के समय पूजाघर में मां दुर्गा की प्रतिमा या तस्वीर के सामने गाय के घी का दिया जलाकर और इसे तांबे के कलश में पानी भरकर उसके ऊपर रख दें. इसके बाद लाल रंग के आसन पर बैठकर देवी की उपासना और दुर्गा सप्तशती का पाठ करना चाहिए.

- जब पाठ पूरा हो जाए तो दुर्गा मां को घर में बने हलवे या मिठाई का भोग लगाना चाहिए. मान्यता है कि मां दुर्गा को हलवा प्रसाद काफी प्रिय है. इसके बाद ये भोग कुंवारी कन्याओं को दे देना चाहिए. इसके बाद कलश के जल से पूरी घर में, ऑफिस में और तिजोरी के पास पवित्रीकरण करना चाहिए. माना जाता है कि ऐसा करने से कारोबार दिन दूनी रात चौगुनी तेजी से बढ़ता है और मां दुर्गा की कृपा से जॉब में आ रही परेशानी भी हल हो जाती है.

इस विधि से करें गुप्त नवरात्रि की पूजा:

- गुप्त नवरात्रि में मां दुर्गा के दसों रूप (महाविद्या मां काली, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, माता छिन्नमस्ता, त्रिपुर भैरवी, मां ध्रूमावती, माता बगलामुखी, मातंगी और कमला देवी) की विधिवत पूजा अर्चना करें. पूजाघर में मां दुर्गा की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें. देवी को लाल रंग की चुनरी सिन्दूर, लाल चूड़ी बिंदी और सोलह श्रृंगार का सामान अर्पित करें. इसके बाद रुद्राक्ष की माला से 108 बार 'ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडाये विच्चे' मंत्र का जाप करें.

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