Navratri2018 : नवरात्रि व्रत में कैसे करें माता जी की पूजा, किन बातों का रखे ध्यान - व्रत में क्या खाना चाहिए

10 अक्टूबर 2018 से शारदीय नवरात्रि शुरू हो रही है। नौ दिनों में क्या करें और किन बातों से बचें इसका ध्यान भी होना चाहिए।

Update: 2018-10-09 10:40 GMT

नई दिल्ली : 10 अक्टूबर 2018 से शारदीय नवरात्रि शुरू हो रही है। इन नौ दिनों तक व्रत और उपवास के साथ माता जी की पूजा की जाती है, लेकिन कईं लोगों को नियम और पूजा कैसे करें इसके बारे में नहीं पता होता है। इस कारण लोगों को नौ दिनों की तपस्या का पूरा फल भी नही मिल पता है। नवरात्रि के व्रत और उपवास के साथ पूजा में कुछ खास बातों का ध्यान रखा जाता है। इसके अलावा नौ दिनों में क्या करें और किन बातों से बचें इसका ध्यान भी होना चाहिए। 

क्या हैं उपाय ?

नवरात्रि के पहले दिन 9 दिनों के व्रत और उपवास का संकल्प लें। इसके लिए सीधे हाथ में जल लेकर उसमें चावल, फूल, एक सुपारी और सिक्का रखें। हो सके तो किसी ब्राह्मण को इसके लिए बुलाएं। ऐसा न हो सके तो अपनी कामना पूर्ति के लिए मन में ही संकल्प लें और माता जी के चरणों में वो जल छोड़ दें।

 इन दिनों व्रत-उपवास में सुबह जल्दी उठकर नहाएं और घर की सफाई करें। पूरे घर में गौमूत्र और गंगाजल का छिड़काव करें। उसके बाद माता जी की पूजा करें। पूजा में ताजा पानी और दूध से माता जी को स्नान करवाएं। फिर कुमकुम, चंदन, अक्षत, फूल और अन्य सुगंधित चीजों से पूजा करें और मिठाई का भोग लगाकर आरती करें। नवरात्रि के पहले ही दिन घी या तेल का दीपक लगाएं। ध्यान रखें वो दीपक नौ दिनों तक बुझ न पाएं।

 व्रत-उपवास में माता जी की पूजा करने के बाद ही फलाहार करें। यानि सुबह माता जी की पूजा के बाद दूध और कोई फल ले सकते हैं। नमक नहीं खाना चाहिए। उसके बाद दिनभर मन ही मन माता जी का ध्यान करते रहें। शाम को फिर से माता जी की पूजा और आरती करें। इसके बाद एक बार और फलाहार (फल खाना) कर सकते हैं। अगर न कर सके तो शाम की पूजा के बाद एक बार भोजन कर सकते हैं।

 माता जी की पूजा के बाद रोज 1 कन्या की पूजा करें और भोजन करवाकर उसे दक्षिणा दें।

नवरात्रि के दौरान तामसिक भोजन नहीं करें। यानि इन 9 दिनों में लहसुन, प्याज, मांसाहार, ठंडा और झूठा भोजन नहीं करना चाहिए।

इन दिनों में क्षौरकर्म न करें। यानि बाल और नाखून न कटवाएं और शेव भी न बनावाएं। इनके साथ ही तेल मालिश भी न करें। नवरात्रि के दौरान दिन में नहीं सोएं।

नवरात्रि में सूर्योदय से पहले उठें और नहा लें। शांत रहने की कोशिश करें। झूठ न बोलें और गुस्सा करने से भी बचें। इसके साथ ही मन में किसी के लिए गलत भावनाएं न आने दें। अपनी इंद्रियों का काबु रखें और मन में कामवासना जैसे गलत विचारों को न आने दें।

नवरात्रि के व्रत-उपवास बीमार, बच्चों और बूढ़ों को नहीं करना चाहिए। क्योंकि इनसे नियम पालन नहीं हो पाते हैं।

व्रत में क्या खाना चाहिए?

सादा दही की बजाए लौकी का रायता खाएं।

खली पेट न रहे। बीच में बादाम खाए जा सकते हैं।

कुटृटू के आटे की रोटी कद्दू के साथ खाएं।

थोड़ी थोड़ी देर बाद उचित मात्रा में फल खाते रहें ताकि शरीर में पोषक तत्व बने रहें।

सिंघाड़े और कट्टू का आटा मिला कर पकाएं।

सिंघाड़ा अनाज नहीं, बल्कि फल है इस लिए इसे अनाज की जगह प्रयोग किया जा सकता है।

सिंघाड़े के आटे में ग्लूटन नहीं होता, इसलिए सीलियक बीमारी से पीड़ित या ग्लूटन से एलर्जी वाले मरीज इसका प्रयोग कर सकते हैं।

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