रक्षाबंधन पर बहन भाई के मस्तक के बीच में लगाये तिलक, इन रहस्यो में छुपा है तिलक लगाने का राज

शास्त्रों में श्वेत चंदन, लाल चंदन, कुमकम और भस्म आदि से तिलक लगाना शुभ माना गया है।

Update: 2019-08-14 06:30 GMT

नई दिल्ली। हर भाई-बहन के लिए रक्षाबंधन का त्यौहार बेहद खास होता है। इस दिन बहन अपने भाई की कलाई पर रक्षासूत्र बांधती हैं, वहीं भाई अपनी बहन की रक्षा करने का वचन देता है। इस बार रक्षाबंधन का यह त्योहार 15 अगस्त को मनाया जाएगा। राखी बांधने का शुभ मुहूर्त इस बार 15 अगस्त को सुबह 5: 49 मिनट से शुरू होगा। इस शुभ मुहूर्त से लेकर बहनें अपने भाई शाम 6.01 बजे तक राखी बांध सकती हैं। वैसे, सुबह 6 से 7.30 बजे, और सुबह 10.30 बजे से दोपहर 3 बजे तक राखी बांधने का सबसे अच्छा मुहूर्त है। सावन के पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 14 अगस्त शाम 15:45 से ही हो जाएगी।

इस पावन अवसर पर हर बहन अपने भाई को राखी बांधने से पहले तिलक जरूर लगाती है। शास्त्रों में श्वेत चंदन, लाल चंदन, कुमकम और भस्म आदि से तिलक लगाना शुभ माना गया है। लेकिन, कम ही लोग ये जानते होंगे की रक्षा बंधन के मौके पर भाई को कुमकुम से ही तिलक करना चाहिए। कुमकुम से तिलक करने के बाद इस पर चावल के कुछ दाने लगाने चाहिए।शास्त्रों के अनुसार ये तिलक विजय, पराक्रम, सम्मान, श्रेष्ठता और वर्चस्व का प्रतिक है।

तिलक मस्तक के बीच में इसलिए लगाया जाता है क्योंकि यहां पर मनुष्य की छठी इंद्रीय होती है। यहीं से पूरे शरीर में ऊर्जा और शक्ति का संचार होता है। यहां तिलक करने से ऊर्जा का संचार होता है। इससे व्यक्ति का आत्मविश्वास बढ़ता है। भाइयों को भी चाहिए की वे बहन के हाथ में तिलक कर उस पर चावल के दाने लगाए। कहते हैं इससे भाई और बहन के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। शास्त्रों के अनुसार, हवन के वक्त चावल को देवताओं पर चढ़ाया जाता है। इसे शुद्ध अन्न माना जाता है इसलिए सकारात्मक ऊर्जा के लिए कच्चे चावल का तिलक में प्रयोग किया जाता है।

ज्योतिषों के अनुसार इस बार रक्षा बंधन को भद्रा की नजर नहीं लगेगी। इतना ही नहीं इस बार श्रावण पूर्णिमा भी ग्रहण से मुक्त रहेगी। भद्रा और ग्रहण से मुक्त होने की वजह से यह पर्व शुभ संयोग वाला और सौभाग्यशाली रहेगा। इस बार रक्षा बंधन के मौके पर राखी बांधने का शुभ मुहूर्त काफी लंबा है। इसलिए बहनें दिन भर में किसी भी समय अपने भाई को राखी बांध सकती हैं।  

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