आज है विश्वकर्मा जयंती, जानिए धार्मिक महत्व क्या है।

Update: 2019-09-17 04:46 GMT

पूरे देश में आज विश्वकर्मा जयंती मनाई जा रही है। धार्मिक मान्यताओं अनुसार भगवान विश्वकर्मा को दुनिया का सबसे पहला इंजीनियर और वास्तुकार माना जाता है। विश्वकर्मा जयंती प्रति वर्ष कन्या संक्रांति के दिन के मनाई जाती है। इस दिन लोग अपने कार्य स्थल पर भगवान विश्वकर्मा की विशेष पूजा अर्चना करते हैं। माना जाता है कि इनकी पूजा से धन धान्य में बढ़ोतरी होती है।

धार्मिक महत्व: इस दिन उद्योगों, फैक्ट्रियों और मशीनों की पूजा की जाती है। मान्यता है कि भगवान विश्वकर्मा की पूजा करने से कारोबार में मुनाफा होता है। यह पूजा मुख्य तौर पर सभी कलाकारों, बुनकर, शिल्पकारों और औद्योगिक क्षेत्रों से जुड़े लोगों द्वारा की जाती है। इस दिन ज्यादातर कल-कारखाने बंद रहते हैं।

धार्मिक मान्यताएं: भगवान विश्वकर्मा को सृजन का देवता माना जाता है। इन्होंने ही इन्द्रपुरी, द्वारिका, हस्तिनापुर, स्वर्गलोक, लंका, जगन्नाथ पूरी में "जगन्नाथ" मंदिर, पुष्पक विमान, कर्ण का कुंडल, विष्णु का सुदर्शन चक्र, भगवान शंकर का त्रिशूल आदि का निर्माण किया था। माना जाता है कि विश्वकर्मा वास्तु देव के पुत्र हैं।

इस दिन ऐसे करें औजारों की पूजा: विश्वकर्मा जयंती के दिन प्रतिष्ठान के सभी औजारों या मशीनों या अन्य उपकरणों की अच्छे से सफाई कर लें। उन पर तिलक लगाएं और फूल भी चढ़ाएं। इस दिन कई लोग हवन भी करते हैं। हवन के बाद सभी लोगों में प्रसाद का वितरण करना चाहिए।

विश्वकर्मा पूजन विधि : विश्वकर्मा जयंती के दिन भगवान विश्वकर्मा की प्रतिमा को विराजित करके पूजा की जाती है। पूजा वाले दिन बेहत होगा कि अपने परिवार के साथ पूजा करें। हाथ में फूल, अक्षत लेकर भगवान विश्वकर्मा का ध्यान करते हुए घर और प्रतिष्ठान में इन्हें छिड़क देना चाहिए। इसके बाद पूजन कराने वाले व्यक्ति को यज्ञ में आहुति देनी चाहिए। पूजा के दौरान दीप, धूप, पुष्प, गंध, सुपारी आदि का प्रयोग करना चाहिए और पूजन के अगले दिन प्रतिमा का विसर्जन करने का विधान है। 


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