(movie review)मूवी रिव्यू : फोरेंसिक,व‍िक्रांत मैसी और राध‍िका आप्‍टे की सस्‍पेंस क्राइम थ्रिलर है फोरेंसिक

राध‍िका अब एक बार फिर ‘फॉरेंस‍िक’ (Forensic Movie) नाम की फिल्‍म में सामने आई हैं. व‍िक्रांत मैसी के साथ राध‍िका की जोड़ी वाली ये फिल्‍म ZEE5 पर र‍िलीज हुई है और एक सस्‍पेंस क्राइम थ्र‍िलर है. जान‍िए कैसी है ये फिल्‍म।

Update: 2022-06-26 01:45 GMT

पहाड़ी इलाका, एक के बाद एक होते खून, आपके आस-पास है खूनी लेकिन आपकी नजर उस पर नहीं पड़ती. हिंदी सिनेमा में ये कोई नई बात नहीं है. अकसर ही फिल्मों में आपको ऐसी कहानी देखने को मिलती रही है. ओटीटी प्लेटफॉर्म जी5 पर रिलीज हुई क्राइम थ्रिलर फॉरेंसिक फिल्म भी कुछ ऐसी ही है।

जानिए क्या है कहानी

फॉरेंसिक फिल्म की कहानी एक पुलिस वाली, एक फॉरेंसिक एक्सपर्ट और सीरियल किलर के आस-पास घूमती है. एक साइको किलर है जो लगातार उन बच्चों का खून कर रहा है जिनका बर्थ-डे सेलिब्रेट किया जाता है. राधिका आप्टे एक पुलिस ऑफिसर की भूमिका में हैं, वहीं विक्रांत मेसी एक फॉरेंसिक एक्सपर्ट का रोल प्ले कर रहे हैं.दोनों लोग अपने-अपने क्षेत्र में एक्सपर्ट हैं. मसूरी के हिल एरिया में लगातार बच्चों के खून हो रहे हैं, और शीर्ष अधिकारी राधिका आप्टे और विक्रांत मेसी को इस केस को सुलझाने का जिम्मा सौंपते हैं. आपको बता दें कि यहां भी ट्विस्ट हैं. क्योंकि राधिका और विक्रांत पहले से ही रिलेशनशिप में रहकर एक दर्द झेल रहे हैं. इसी पर्सनल और क्राइम केस को सॉल्व करने में फिल्म चक्कर खाती है।

फिल्म देखने की वजह

फॉरेंसिक अपनी कास्ट की वजह से एक बार देखी जा सकती है. फिल्म में विक्रांत मेसी हैं, जो अपने रोल में अकसर ही सूट करते देखे जा सकते हैं. वहीं राधिका आप्टे भी एक नैचुरल एक्टर हैं.फिल्म में प्राची देसाई भी लंबे समय बाद साइकेट्रिक सही एक्टिंग करती दिखी हैं. फिल्म में होते कत्ल आपको कुछ हद तक थर्राने वाली फीलिंग दे सकते हैं. फिल्म में आपके चेहरे पर एकाएक ही मुस्कान आ जाएगी जब आप सीआईडी फेम डॉ. सालुके को देखेंगे. कुल मिलाकर एक्टर्स ने अच्छा काम किया है. वहीं फिल्म का बैकग्राउंड म्यूजिक भी सपोर्टिव है।

निराश करता है सेकंड हाफ

फिल्म का फर्स्ट हाफ तो दमदार है लेकिन सेकंड हाफ पूरी तरह से निराश करता है।हसीन दिलरुबा फिल्म से क्राइम सीन में डूबे विक्रांत आपको जरूर लुभा सकते हैं. जॉनी-जॉनी येस पापा का स्लैंग गाते अपने केस को बड़े जौवियल तरीके से सॉल्व करते दिखते हैं. विंदू दारा सिंह का भी छोटा-सा रोल है. फिल्म अपने नाम के साथ भी जस्टिस करने की पूरी कोशिश करती दिखती है, लेकिन पूरी तरह से सफल नहीं हो पाई है. फॉरेंसिक के नाम पर हाइ-टेक मशीनों का पूरा इस्तेमाल है, 3डी कैमरा का भी यूसेज है, लेकिन दर्शकों पर प्रभाव छोड़ने से पहले ही सीन खत्म हो जाता है।

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