यादों में जगजीत सिंह....इस जन्मदिन पर पर आप भी सुनिए उनकी 10 सदाबहार गजलें...

हम आपके लिए लाए हैं जगजीत की ऐसी ही गजलों का एक गुलदस्ता जिसमें उन्होंने कमाल की गायिकी की है.

Update: 2019-02-08 05:12 GMT

नई दिल्ली : देश के सबसे मशहूर गजल गायक जगजीत सिंह आज भले ही हमारे बीच नहीं हैं. लेकिन उनके चाहने वाले आज भी उनकी हर गजल के दीवाने हैं. जगजीत सिंह गजलों की दुनि‍या के बेताज बादशाह माने जाते है. पर हम आपके लिए लाए हैं जगजीत की ऐसी ही गजलों का एक गुलदस्ता जिसमें उन्होंने कमाल की गायिकी की है.

कई भारतीय भाषाओं में अपनी गायिकी के चलते मील का पत्थर साबित हो चुके जगजीत सिंह का जन्म 8 फरवरी 1941 को बीकानेर के श्रीगंगानगर में हुआ था. 10 अक्टूबर 2011 को जगजीत सिंह इस दुनिया को छोड़ कर चले गए. भले ही जगजीत सिंह अब हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी सदाबहार आवाज में गायी गईं गजलें आज भी लोगों के मन में ताजा हैं.

तो इस जन्मदिन हम आपको सुनाने वाले हैंउनकी कुछ चुनिंदा गजलें...ये गजलें उनकी सबसे यादगार गज़लें मानी जाती है...

दुश्मन (चिट्ठी ना कोई संदेश) 

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प्रेम गीत (होठों से छू लो तुम)

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साथ-साथ (तुमको देखा तो ये)

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अर्थ (झुकी झुकी सी नजर)

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तरकीब (किसका चेहरा अब मैं देखूं)

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तुम बिन (कोई फरियाद)

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साथ-साथ (प्यार मुझसे जो किया)

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अर्थ (तुम इतना जो मुस्कुरा)

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सरफरोश (होश वालों को खबर)

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जॉगर्स पार्क (बड़ी नाजुक)

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