Riya Sisodia Interview : हर दिन कम से कम40 पुरषो के साथ हम-बिस्तर होना पड़ता हैं..

Update: 2018-09-23 05:50 GMT

अहमदाबाद : रिया सिसोदिया ने ग्रेजुएशन करने के दौरान एड फिल्मों में काम करना शुरू किया था। अब उन्होंने तबरेज नूरानी की वूमेन ट्रैफिकिंग पर बेस्ड फिल्म 'लव सोनिया' से बॉलीवुड में कदम रखा है।

जिसमें उन्होंने एक चौदह वर्षीया गांव की लड़की का किरदार निभाया है, जिसे धोखे से प्रॉस्टिट्यूशन में धकेल दिया जाता है। इश्यू बेस्ड फिल्म से शुरुआत करके रिया काफी खुश हैं। आगे भी अलग-अलग तरह के किरदार निभाने की ख्वाहिश रखती हैं।

आप एक्टिंग में कैसे आईं?   

मेरे पैरेंट्स राजस्थान से बिलॉन्ग करते हैं। लेकिन मेरा जन्म और परवरिश मध्यप्रदेश के रतलाम शहर में हुई है। पापा रेलवे में नौकरी करते हैं। पिछले सात सालों से हम लोग मुंबई में रह रहे हैं।

मैंने मुंबई के भवंस कॉलेज से बीकॉम तक की पढ़ाई की। तीन सालों से मॉडलिंग और एक्टिंग से जुड़ी हुई हूं। मेरी छोटी बहन बहुत अच्छी कथक डांसर, एक्ट्रेस है। मेरे पापा जब उन्नीस साल के थे।

तभी से उन्होंने राजश्री प्रोडक्शन की एक फिल्म में एक्टिंग की थी। पापा को एक्टिंग से गहरा लगाव रहा। जब मैं कॉलेज की पढ़ाई कर रही थी, तभी मेरी छोटी बहन की सहेली ने मुझसे मॉडलिंग के लिए ऑडिशन देने के लिए कहा।

मैंने ऑडिशन दिया और एड फिल्म करने लगी। इससे मुझे जेब खर्च मिलने लगा। इस तरह मॉडलिंग और कॉलेज की पढ़ाई चलती रही। मैंने कई एड फिल्में की हैं। कुछ समय पहले मैंने दीपिका पादुकोण के साथ एक एड फिल्म में काम किया था।

एड फिल्में करते-करते ही मुझे फिल्म 'लव सोनिया' मिली। दरअसल, एक एड फिल्म के कॉस्टिंग डायरेक्टर ही 'लव सोनिया' के लिए कास्टिंग कर रहे थे। उनके कहने पर ही मैंने ऑडिशन दिया। लगातार छह बार ऑडिशन देने के बाद मुझे यह फिल्म मिली।  

फिल्म 'लव सोनिया' करने की वजह क्या रही?

वास्तव में मैंने पहले इस फिल्म को करने से मना कर दिया था। दरअसल, मुझे पता चला था कि इसमें लव मेकिंग सीन हैं। मेरे दिमाग में शुरू से यह था कि मुझे रोमांस वाली फिल्में नहीं करनी हैं।

 इतना ही नहीं मैंने उस वक्त तक यह भी तय नहीं किया था कि मुझे एक्टिंग करनी है या सिर्फ मॉडलिंग ही करनी है। लेकिन बाद में कास्टिंग डायरेक्टर ने मुझे समझाया कि 'लव सोनिया' लव स्टोरी वाली फिल्म नहीं है, इसकी कहानी वूमेन ट्रैफिकिंग पर है।

फिल्म को तबरेज नूरानी ने डायरेक्ट किया है, जिन्होंने इससे पहले 'लाइफ ऑफ पई' जैसी फिल्म बनाई है। जब मैंने फिल्म 'लव सोनिया' की कहानी पढ़ी, तो मैं इसे करने को राजी हो गई। कहानी पढ़ते-पढ़ते मेरी आंखें नम हो गई थीं।

उस वक्त मेरी छोटी बहन भी मेरे साथ बैठी थी। मेरे अंदर से सवाल आया कि अगर मेरी छोटी बहन के साथ ऐसा कुछ हो जाए, जैसा फिल्म में प्रीति के साथ हो रहा है तो मैं क्या करूंगी? इसी ख्याल ने मुझे इस फिल्म को करने के लिए इंस्पायर किया। 

फिल्म में आपका किरदार क्या है?

फिल्म में मैंने सोनिया की बहन प्रीति का किरदार निभाया है, वह चौदह साल की है। प्रीति के गरीब किसान पिता अपने एक दोस्त के साथ उसे मुंबई काम करने भेजते हैं।

लेकिन वह शख्स प्रीति को मुंबई में एक वेश्यालय में बेच देता है। उधर जब उसके पिता और बहन सोनिया को लंबे समय तक प्रीति की कोई खबर नहीं मिलती है तो सोनिया उसे तलाशते हुए मुंबई पहुंचती है और वह भी इसी दलदल में फंस जाती है।

प्रीति के किरदार को निभाने के लिए क्या-क्या तैयारियां करनी पड़ी?

इस फिल्म में रिचा चड्ढा, मनोज बाजपेयी, फ्रीडा पिंटो के अलावा कई दिग्गज कलाकार हैं। इनके साथ काम करने को लेकर मैं बहुत ज्यादा नर्वस थी। मैं तो पहली बार एक्टिंग करने जा रही थी। 

लेकिन सेट पर कलाकारों के अलावा निर्देशक ने मुझे बहुत सहज कर दिया। इसके अलावा शूटिंग शुरू होने से पहले करीबन एक महीने तक वर्कशॉप हुई, उससे मुझे काफी कुछ समझ में आ गया था। 

अपने किरदार को समझने के लिए हम कलाकारों को कलकत्ता के सोनागाची वेश्या मंडी भेजा गया, जो कि पूरे भारत का सबसे बड़ी वेश्या मंडी है। यहां पर हमने तीन दिन तक लड़कियों के साथ रहकर बहुत कुछ देखा और सुना।

इन लड़कियों की दुख भरी कहानी सुनकर रोना आया। अब मेरा कोलकाता जाने का मन नहीं होता है। मेरे दिमाग में अभी भी उन लड़कियों की कहानियां गूंजती हैं। पंद्रह साल की लड़की बता रही थी कि उसके साथ क्या-क्या हुआ?

किस तरह के ग्राहक आते हैं? उसे हर दिन कम से कम चालीस पुरुषों के साथ बिस्तर पर जाना पड़ता है। मुझे दुनिया के सबसे अंधेरेपन की जो जिंदगी है, उसको नजदीक से देखने-समझने का मौका मिला। 

आगे किस तरह के किरदार निभाना चाहेंगी?

आगे रोमांटिक किरदार भी निभाना चाहूंगी। सिर्फ सीरियस किरदार ही नहीं निभाने हैं। मुझे बबली लड़की के साथ-साथ नेगेटिव किरदार भी निभाने हैं। 

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