क्या हमेशा के लिए बंद हो जाएगा सलमान, शाहरुख का फेवरेट थिएटर?

बांद्रा में सात थिएटर और मुंबई में मराठा मंदिर के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर मनोज देसाई (Manoj Desai) इन दिनों काफी परेशान चल रहे हैं.

Update: 2020-04-19 03:41 GMT

नई दिल्ली: बॉलीवुड के सुपरस्टार्स सलमान खान, शाहरुख खान, आमिर खान, रणबीर, आलिया, दीपिका के पड़ोस का सबसे बड़ा थिएटर gaiety गैलेक्सी जहां एक्टर्स अपनी फिल्म के फर्स्ट डे फर्स्ट शो का रिस्पांस देखने आते हैं. इन दिनों इन थिएटर के स्टाफ को सैलरी देना भी मालिकों के लिए परेशानी का सबब बन गया है. बांद्रा में सात थिएटर और मुंबई में मराठा मंदिर के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर मनोज देसाई (Manoj Desai) इन दिनों काफी परेशान चल रहे हैं.

एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) जी की बात मानते हुए वह अपने वर्कर्स को पूरी तनख्वाह दे रहे हैं. वहीं दूसरी ओर पिछले महीने से बॉक्स ऑफिस बंद होने की वजह से एक रुपए की कमाई उनके किसी भी थिएटर ने नहीं की है. गेटी गैलेक्सी में 7 सिनेमा हॉल है. वही मराठा मंदिर वह सिनेमा हॉल है जहां पर 'दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे' (DDLJ) ने 23 वर्षों तक सबसे लंबी चलने वाली फिल्म बंद कर इतिहास रचा है. जिसका जिक्र खुद शाहरुख खान (Shahrukh Khan) ने अपने ट्विटर पर भी किया था. कुछ दिनों पहले खबर आई थी कि मनोज देसाई जो कि एक्सिक्यूटिव डायरेक्टर है वह अपने वर्कर्स की सैलरी देने के लिए लोन लेने की तैयारी की है.

मनोज देसाई जोकि अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) के काफी करीबी माने जाते हैं. 'खुदा गवाह' फिल्म के प्रोड्यूसर भी रह चुके हैं. उन्होंने अपने परेशानी बताई और कहा कि, 'एक विनती मुझे सरकार से करनी है. मैंने मार्च महीने की सैलेरी बांद्रा के सातों थिएटर के वर्कर्स और मराठा मंदिर मुंबई में मेरे सभी स्टाफ को दिया है. यह हमने प्रधानमंत्री के आदेश का पालन करते हुए अब अप्रैल महीने की भी देने की कोशिश कर रहा हूं. लेकिन 3 मई तक लॉक डाउन है और इस सैलरी को देने में अगर गवर्नमेंट की मदद मिल जाए तो ठीक होगा, हालांकि किसी को नहीं पता है कि ये Lockdown कब तक चलेगा. करोना अगर आगे बढ़ गया तो हमारी कमर पूरी तरह से टूट जाएगी और स्टाफ को सैलरी देने में सरकार मदद करें हैं. हमारे स्टाफ को सैलरी मिल जाएगी तो वह भी आराम से अपने घरों पर रहे सकेगें.'

वही प्रोड्यूसर डायरेक्टर एक्टर धीरज कुमार (Dheeraj Kumar) का कहना है कि, 'जो हमारे फिल्म टेलीविजन और मीडिया इंडस्ट्री से जुड़े हुए लोग हैं. उनको काफी तकलीफों का सामना करना पड़ रहा है. उसमें डेली वेज वर्कर्स भी हैं. साथ-साथ कुछ प्रोड्यूसर्स भी ऐसे है जो की सर्विस प्रोवाइडर्स है. वह प्रोड्यूसर जरूर है लेकिन वह भी एक तरह के सर्विस प्रोवाइडर है एक वर्कर्स की तरह हैं. अगर आंकड़ा जाने की कोशिश करें कि हमारी इंडस्ट्री को किस प्रकार का नुकसान हुआ है तो आंकड़े बता पाना मुश्किल है, लेकिन कई सैकड़ों करोड़ों का नुकसान इंडस्ट्री को लोग डाउन के दौरान हुआ है. फिल्म, टेलीविजन ,वेब सीरीज जब यह सारे लोग एक साथ बैठकर आंकड़ा तैयार करेंगे तब पता चलेगा कि कितना नुकसान हुआ है. फिल्म फ्रेटरनिटी प्रोड्यूसर, डिस्ट्रीब्यूटर, एक्जीबिटर और साथ ही साथ टेलीविजन का हिस्सा होने के नाते मुझे भी काफी तकलीफ का सामना करना पड़ेगा. मेरा यह मानना है कि हमेशा अंधेरे के बाद प्रकाश आता है सब ठीक होगा.'

फिल्म इंडस्ट्री कलेक्टिव रूप में काम करता है और फिल्म मेकिंग से लेकर बड़े पर्दे पर फिल्म दिखाने के संख्या में कई कड़ियां जुड़ती है. लॉकडाउन के बढ़ने के बाद यह कड़ियां कमजोर पड़ती नजर आ रही है और इसका बोझ कब तक उठा पाएंगे, लॉक डाउन की वजह से लोगों की सैलरी यह कंपनियां कैसे दे पाएंगी यह बड़ा सवाल बन गया है.

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