मनोहर पर्रिकर के अलावा इन 17 मुख्यमंत्रियों का पद पर रहने के दौरान हो चुका है निधन

पर्रिकर देश के 18वें ऐसे मुख्यमंत्री रहे जिनका पद पर रहते हुए निधन हुआ।

Update: 2019-03-18 05:18 GMT

नई दिल्ली : गोवा के मुख्यमंत्री रहे मनोहर पर्रिकर (63) का निधन हो गया। रविवार शाम 6.40 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। आज शाम पांच बजे कैंपल स्थित एसएजी मैदान में अंतिम संस्कार किया जाएगा। भारत सरकार ने आज देश में राष्ट्रीय शोक का ऐलान किया है, इस दौरान सरकारी दफ्तरों में तिरंगा आधा झुका रहेगा।

मनोहर पर्रिकर का निधन कार्यकाल के दौरान ही हुआ। वैसे आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पर्रिकर सिर्फ़ अकेले ऐसे शख्स नहीं हैं, जिनकी सत्ता में रहते हुए मौत हुई है। अगर इतिहास पर नज़र दौड़ाएंगे, तो आपको इससे पहले भी ऐसे कई मुख्यमंत्री मिल जाएंगे, जिनका निधन अपने कार्यकाल के दौरान ही हुआ है। यह फेहरिस्त काफ़ी लंबी है, जिनमें देश के अलग-अलग राज्यों के 17 मुख्यमंत्री शामिल हैं।

पर्रिकर देश के 18वें ऐसे मुख्यमंत्री रहे जिनका पद पर रहते हुए निधन हुआ।

मनोहर पर्रिकर से पहले तमिलनाडु की सीएम जयललिता, जम्मू-कश्मीर के शेख अब्दुल्ला और मुफ्ती मोहम्मद सईद, आंध्रप्रदेश के वाईएस राजशेखर रेड्डी का निधन भी पद पर रहते हुए ही हुआ था। इनके अलावा गोपीनाथ बोरदोलोई (असम), रविशंकर शुक्ल (मध्यप्रदेश), श्रीकृष्ण सिंह (बिहार), बिधानचंद्र राय (प.बंगाल), मरुतराव कन्नमवार (महाराष्ट्र), बलवंत राय मेहता (गुजरात), सीएन अन्नादुरई (तमिलनाडु), दयानंद बंडोडकर (गोवा), बरकतुल्ला खान (राजस्थान), एमजी रामचंद्रन (तमिलनाडु), चिमनभाई पटेल (गुजरात), बेअंत सिंह (पंजाब) और दोरजी खांडू (अरुणाचल प्रदेश) का निधन भी पद पर रहते ही हुआ।

पत्नी की भी हुई थी कैंसर से मौत 

पर्रिकर की पत्नी मेधा का 2001 में कैंसर से निधन हो गया था। उनके दो बेटे उत्पल और अभिजात हैं। उत्पल ने अमेरिका की मिशिगन स्टेट यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। अभिजात कारोबारी हैं।

मुख्यमंत्री बनने वाले पहले आईआईटीयन थे पर्रिकर

13 दिसंबर 1955 को गोवा के मापुसा में जन्मे पर्रिकर पहले ऐसे मुख्यमंत्री थे जो आईआईटी से पासआउट थे। वह चार बार 2000-2002, 2002-05, 2012-2014 और 14 मार्च 2017-17 मार्च 2019 तक चार बार मुख्यमंत्री रहे। 2014 में जब केंद्र में भाजपा की सरकार बनी थी, तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वह गोवा की राजनीति छोड़कर केंद्र की राजनीति में आएं। इसके बाद पर्रिकर को रक्षामंत्री बनाया गया था।

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