बच कर रहे हैं, ठंड में हाइपोथर्मिया का खतरा

Update: 2018-12-03 06:06 GMT

अधिक सर्दी लगने से कुछ लोगों के शरीर का तापमान सामान्य से नीचे चला जाता है. ऐसे में संभल कर रहने की जरूरत है. खासकर बुजुर्ग बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने से उन पर ज्यादा जल्दी प्रभाव पड़ता है. इसकी वजह से हाइपोथर्मिया का खतरा बढ़ जाता है या कोई सामान्य भाषा में ज्यादा ठंड लगना कहा जाता है. ऐसी हालत में शरीर को गर्म रखना ज्यादा जरूरी होता है.

क्या है यह बीमारी

ज्यादा ठंड नहीं सहन कर सकने वाले लोगों के हाथ पैर ठंडे पड़ने लगते हैं. साथ ही पेट दर्द भी होने लगता है. बुजुर्ग और बच्चों का शरीर कमजोर होता है. जिस कारण ज्यादा ठंड नहीं झेल पाते हैं. कमजोरी के कारण शरीर का तापमान संतुलन नहीं कर पाता है. इसलिए खतरा बढ़ जाता है. कई बार हाइपोथर्मिया जानलेवा भी साबित हो सकता है.

लक्षण

हाइपोथर्मिया होने पर दिल्ली का तापमान सामान्य से 30 डिग्री से कम होने लगता है. साथ ही रोगी की आवाज धीमी होने के साथ-साथ उसे नींद आने लगती है. शरीर कांपने लगता है और हाथ दर्द करने लगते हैं. दिमाग का शरीर से नियंत्रण कम होने लगता है.


बचाव

ठंड में घर से बाहर निकलते समय गर्म कपड़े जरूर पहने भूखे पेट से बाहर नहीं जाना चाहिए. क्यों खाली पेट से भी इस बीमारी को खतरा देता है. सिर से ज्यादा गर्मी मिलती है. इसलिए सिर पर गर्म टोपी या गर्म कपड़े से ढक कर रखें. जितना हो सके हीटर से दूरी बनाएं. बाइक पर निकलते समय दस्ताने, गर्म मौज और ऑडी वार्मर जरुर पहने.

क्या कहते है डॉक्टर

हाइपोथर्मिया की स्थिति में रोगी को गर्म कपड़ों से ढक कर रखें किसी गरम कमरे में ले जाये हीटर और आग से गर्मी देना ज्यादा खतरनाक हो सकता है. यदि संभव हो तो रोगी के हाथ पैर पर मालिश करें और अगर गर्म करें. साथ ही बिना डॉक्टरी सलाह के कोई भी दवा देने से परहेज करें जितना जल्द हो सके रोगी को डॉक्टर के पास पहुंचाना चाहिए.

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