गोरा करने वाली क्रीम अपने दावे पर खरा नही उतरी तो भरना पड़ेगा लाखों का जुर्माना, उपर से होगी जेल

फर्जी और भ्रामक विज्ञापनों को दिखाकर आम जनता को बेवकूफ बनाने वाली कंपनियों पर सरकार शिकंजा कसने की तैयारी कर चुकी है

Update: 2020-02-07 05:52 GMT

अक्सर लोगों को यह शिकायत रहती है कि महंगी से मंहगी क्रीम लगाने के बाद भी यह तो त्वचा रूखी और बेजान लगती है या फिर जरूरत से ज्यादा ऑयली दिखाई देने लगती है। पर क्या आप जानते हैं इसमें गलती आपकी क्रीम की नहीं बल्कि आपके क्रीम को लेकर किए गए भ्रामक प्रचार भी हो सकते है फेयरनेस क्रीम से लोग गोरा होने के चक्कर में अपने चेहरे को और पैसों के बर्बाद कर लेते हैं तो भी टीवी पर रंग-बिरंगे विज्ञापनों को देखते हैं और फेयरनेस क्रीम को खरीद लेते हैं? विज्ञापन में क्रीम जैसे रिजल्ट देखती है, वैसे न मिलने पर निराशा तो होती है. उस समय ऐसा लगता है क्यों इतने पैसे बर्बाद किए इस फालतू सी फेयरनेस क्रीम के लिए। 

ऐसे ही फर्जी और भ्रामक विज्ञापनों को दिखाकर आम जनता को बेवकूफ बनाने वाली कंपनियों पर सरकार शिकंजा कसने की तैयारी कर चुकी है. चेहरे के रंग को गोरा बनाने वाली, बालों को लंबा करने वाली, शरीर की हाईट को बढ़ाने वाली, मोटापा कम करने का दावा करने वाली क्रीम और दवाओं वाले विज्ञापन दिखाने पर कंपनियों को 5 साल तक की सजा और 50 हजार रुपये का जुर्माना भरना पड़ सकता है.

केंद्र सरकार द्वारा प्रोड्क्ट्स को बेचने के लिए इस्तेमाल करने वाले भ्रामक विज्ञापनों को रोकने के लिए मौजूदा ड्रग्स एंड मैजिक रेमिडीस (ऑब्जेक्शनेबल एडवर्टाइजमेंट) एक्ट 1954 में संशोधन करने का फैसला किया है. ड्रग्स एंड मैजिक रेमिडीस में होने वाले संशोधन पर अधिकारियों का कहना है कि शारीरिक तौर पर किसी भी तरह का आकर्षण बनाने वाले झूठे विज्ञापनों पर नकेल कसने के लिए सरकार द्वारा यह कदम उठाया जा रहा है।इसके तहत कंपनियों को 10 लाख रुपए तक जुर्माना और दो साल कारावास का प्रावधान किया जा रहा है. अधिकारियों के मुताबिक, अगर इसके बाद भी कंपनियां इस तरह के भ्रामक विज्ञापन दिखाती हैं तो उन पर 50 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है.

त्वचा गोरा करने वाले, सफेद वालों को काला करने वाले, शरीर को लंबा करने वाले और मोटापे से छुटाकारा, बालों को लंबा करने जैसे विज्ञापनों पर सख्त कार्रवाई होगी. बता दें कि भारत में कई ऐसे कंपनियां हैं जो अपने प्रोडक्ट्स को बेचने के लिए शरीर को आकर्षक बनाने का झूठा दावा करती हैं. टीवी, अखबार, रेडियो समेत कई जगहों पर ऐसे विज्ञापनों का प्रचार किया जाता है और ग्राहकों को यकीन दिलाया जाता है कि इन प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करने से शरीर का काया पूरी तरह से बदल जाएगी. आम ग्राहक भी इन विज्ञापनों को सच मानकर उत्पाद खरीद लेते हैं. लेकिन इनसे कुछ खास फायदा नहीं होता।

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