अब हर बार आपको मिलेंगे धुले कम्बल रेल के सफर में

Update: 2016-03-13 08:38 GMT

नई दिल्ली
रेलवे ने ट्रेनों के कंबलों को हरेक इस्तेमाल के बाद साफ करने का निर्णय लिया है और इसके साथ ही इससे आने वाली दुर्गंध अब पुराने जमाने की बात हो जाएगी। योजना के अनुसार, इस समय इस्तेमाल किये जा रहे कंबलों की जगह रेलवे में पहली बार नरम कपड़े से बने नए डिजायन के हल्के कंबलों का इस्तेमाल किया जाएगा और प्रत्येक इस्तेमाल के बाद इसे धोया जाएगा।

इस समय एक अंतराल के बाद कंबलों को धोया जाता है, महीने में एक या दो बार


रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हम निफ्ट से कंबलों का डिजायन करवा रहे हैं जिसे हरेक इस्तेमाल के बाद साफ किया जाएगा और इसके बाद भी यह लंबे समय तक चल सकता है। राष्ट्रीय फैशन टेक्नोलॉजी संस्थान ने सूती कपड़ा और उन मिला कर कंबल के कपड़े का डिजायन किया है जिसे रोजाना धोया जा सकता है।

अधिकारी ने बताया,'जब से कंबलों के बारे में शिकायतें मिली हैं, हमने मसला सुलझाने का प्रयास किया। हमने निफ्ट के डिजाइन किए गए धोने योग्य कंबल को मंजूरी दी है। शुरू में धोने वाले कंबलों का इस्तेमाल कुछ चुनिंदा प्रमुख ट्रेनों में किया जाएगा और बाद में इसमें और ट्रेनों को शामिल किया जाएगा।' रेलवे कई स्टेशनों पर कंबलों सहित चादरों के रोजाना धोने की जरूरत बढ़ने पर कपड़ा साफ करने के लिए अत्याधुनिक मशीने भी लगाएगी।

निफ्ट ना केवल कंबल का डिजाइन तैयार करेगी बल्कि चादरों को भी एक नये रंग संयोजन के साथ पुन:डिजाइन करेगी। ताकि चादर और तकिया कवर सभी नये अंदाज में नजर आए।

उन्होंने बताया कि यात्री प्राथमिकताओं पर कराए गये एक सर्वेक्षण के मुताबिक, यात्री सफेद की तुलना में रंगीन चादर को तरजीह देते हैं।

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