हम भी उसी नाव पर सवार हैं, जिस पर आप हैं - डॉ प्रदीप कुमार शुक्ल

Update: 2021-04-25 10:11 GMT

एक छत के नीचे हम 12 लोग कोविड19 के शिकार हुए। कुछ लोग ज्यादा बीमार हुए, कुछ कम, पर अब लगभग सभी लोग रिकवरी मोड में हैं। लगभग इसलिए कि छोटा भाई अभी भी लेटा हुआ ऑक्सिजन सूंघ रहा है। मैं भी थोड़ा तकलीफ में था, परंतु अब ठीक लग रहा है। मेरे लिए गंभीर मरीज को घर में मैनेज करना शायद उतना कठिन नहीं है जितना कि आम जनता को।

यह पोस्ट मैंने अपने बारे में बताने के लिए नहीं लिखी है, यह तो बस भूमिका बनाने के लिए लिख दिया। अब काम की बात करते हैं।

कोरोना की दूसरी लहर सुनामी बन कर पूरे देश में तबाही मचा रही है। अस्पताल, डॉक्टर, नर्स, कर्मचारी, दवाएं, ऑक्सिजन, वेंटीलेटर सब कम पड़ गए हैं, यहाँ तक कि मानवीय संवेदनाएं भी। यह बीमार होने के लिए सबसे खराब समय है। हमारे पिताजी का कहना है कि मरने के लिए भी इससे खराब समय नहीं हो सकता।

कुछ सुझाव :

1. आपको कोरोना जैसे लक्षण हैं तो आप कोरोना ग्रसित हैं यह मान लेने में कोई हर्ज़ नहीं है, हाँ न मानने में आप परेशानी में घिर सकते हैं, आपका परिवार भी। खुद को दूसरों से अलग कीजिये जब तक जांच की रिपोर्ट न आ जाए। रिपोर्ट पर बहुत भरोसा मत कीजिये, चिकित्सक पर कीजये।

2. घबराइए नहीं, सकारात्मक रहिए। यदि आप यह सोचते हैं कि अरे! मुझे कुछ नहीं होगा, मैं अंदर से मजबूत हूँ, यह वाइरस मेरा कुछ नहीं बिगाड़ पाएगा, तो आप 90 प्रतिशत सही हैं। परंतु मुश्किल यह है कि 10 प्रतिशत आप गलत भी हो सकते हैं। सबसे मुश्किल बात यह है कि बीमारियाँ गणित पढ़ कर नहीं आतीं, कभी भी आपका गणित बिगाड़ सकती हैं, इसलिए सावधान रहिए।

3. आज हम उन 10 प्रतिशत लोगों के बारे में बात करेंगे जो कोरोना संक्रमित हैं और गंभीर हो रहे हैं। यहाँ भी 70-80 प्रतिशत लोग आखिर में ठीक ही हो जाने हैं। परंतु यहाँ पर एक पेंच है। यदि इस समूह को समय पर उचित इलाज नहीं मिला तो जीवित न रह पाने वालों की संख्या में बढ़ोत्तरी अवश्यंभावी है।

4. आप बीमार हैं और आपका ऑक्सिजन लेवल कम हो रहा है। आपको अस्पताल नहीं मिला, ऑक्सिजन नहीं मिल रही अब क्या करें?

आपका SPO2 90% से ऊपर है,

( आप कहेंगे कि अभी तक तो आप 94 की बात कर रहे थे अब 90 बता रहे हैं? तो भाई इसका उत्तर मैं पहले ही दे चुका हूँ कि बीमारी गणित पढ़कर नहीं आती और यह युद्ध का समय है। आपको समय - समय पर अपने शंसाधनों पर निगाह डालते हुए रणनीति में बदलाव करने ही पड़ेंगे, यदि युद्ध जीतने की इच्छा रखते हैं तो। )

आपको सांस लेने में बहुत तकलीफ नहीं है, आराम से खाना खा लेते हैं तो अस्पताल खोजते रहिए, ऑक्सिजन के लिए एड़ी-चोटी का ज़ोर लगवाते रहिए पर एक प्रशिक्षित चिकित्सक को जरूर खोज लीजिये। पहली दो चीजें हो सकता है न मिल पाएँ पर चिकित्सक मिल जाएगा, इसमें कोई संदेह नहीं है। अब एक काम और कीजिये। अपने चिकित्सक के अलावा किसी की बात नहीं सुनिए, अपने बाप की भी नहीं ( केवल चिकित्सा संबंधी सलाह की बात हो रही है ) संभव हो तो चिकित्सक की सलाह पर खून की कुछ जाँचें करवाएँ, बिना सलाह CT SCAN के लिए मत दौड़ें, पैसे बचाकर रखिए आगे बहुत काम आने वाले हैं।

बिना किसी जांच के भी आपका योग्य चिकित्सक आपको इस स्टेज पर ' स्टेरोइड ' लेने की सलाह दे सकता है जिसे आप अपने मौसा, फूफा या किसी ' कोविड - नॉन - अपडेटेड - डॉक्टर ' से पूछकर खारिज नहीं कर सकते, भले ही आप शुगर के रोगी हों। भई, आप जीवित रहेंगे तब तो आपकी शुगर ठीक की जाएगी। बाकी PCM, VITAMINS, ANTIBIOTICS ( आवश्यकतानुसार ) की खुराक भी चिकित्सक से पूछ कर ही लीजिये।

कौन सा स्टेरोइड? कितनी मात्रा? कितने दिनों तक? यह सब आपका चिकित्सक आपके बारे में पूरी जानकारी लेकर बताएगा।

हो सकता है आपका ऑक्सिजन लेवल बिना अतिरिक्त ऑक्सिजन के ही बढ़ जाये। बहुत सारे लोगों में यह संभव हो रहा है। परंतु अगर आप निढाल होते जा रहे हैं, आपका ऑक्सिजन लेवेल 90 से कम, खासकर 88 से भी कम लगातार आ रहा है तो अभी आपको अतिरिक्त ऑक्सिजन की आवश्यकता है। दवाएं चालू रखिए, अस्पताल और ऑक्सिजन खोजी अभियान में तेजी लाइये।

5. आप ज्यादा गंभीर हो गए और आपको अस्पताल मिल गया तो फिर आगे के बारे में आपके अस्पताल में मौजूद चिकित्सक ही सारा निर्णय लेंगे। फिर आपका अपना योग्य चिकित्सक जिससे आप इलाज करवा रहे थे वह भी मौसा, फूफा वाले समूह में आ जाएगा, यानी अब आपको उसकी बात भी नहीं माननी है।

जो इस सुनामी में बचकर वापस घर आ जाये वह वीर है पर असली वीर तो वही है जो पहले ही सुरक्षित स्थान पर हो ले और सुनामी के गुजर जाने का इंतज़ार करे।

कोविड19 से बचे रहने के लिए जरूरी बात आप सब जानते ही हैं पर मैं फिर भी बता कर ही मानूँगा

1. अच्छे से लगाया हुआ मास्क

2. दो गज की दूरी

और

3. वैक्सीन : यह वाकई काम करती है और आपको बहुत गंभीर बीमार होने से काफी हद तक बचाती ( चिकित्सा विज्ञान में शतप्रतिशत कुछ भी नहीं होता ) है।

- डॉ प्रदीप कुमार शुक्ल

#कोरोना_में_दुनिया

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