ट्रम्प के भाषण पर विभिन्न प्रतिक्रिया, किसी ने बताया घटिया बयान, किसी ने कहा नया हिटलर

Update: 2017-09-20 09:08 GMT

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प ने संयुक्त राष्ट्र संघ की महासभा में अपने पहले भाषण में उत्तरी कोरिया, ईरान, वेनेजुएला, क्यूबा तथा कुछ अन्य देशों के ख़िलाफ़ ग़ैर डिप्लोमैटिक भाषा का उपयोग किया है. ट्रम्प के बयां पर चौतरफ़ा प्रतिक्रिया हुई है।


ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद ज़रीफ़ ने कहा कि ट्रम्प का भाषण घटिया, नारेबाज़ी और विषयवस्तु से ख़ाली है, यह जवाब देने योग्य नहीं है। जवाद ज़रीफ़ ने कहा कि ट्रम्प के इस घटिया बयान को इस्राइली शासन जैसी अपराधी सरकार के लिए अमेरिका के समर्थन, क्षेत्र की डिक्टेटर सरकारों के साथ अमेरिका के सहयोग और आतंकी संगठनों के गठन में अमेरिका की भूमिका जैसे तथ्यों के साथ रखकर देखा जाए तो दुनिया में अमेरिका बेइज़्ज़ती के अलावा इसका कोई और नतीजा नहीं निकलेगा। वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादोरो ने कहा कि ट्रम्प अंतर्राष्ट्रीय राजनीति में नए हिटलर हैं।


अमेरिकी विदेश मंत्रालय के पूर्व प्रवक्ता जान किर्बी ने कहा कि ट्रम्प सहयोग और परस्पर सम्मान के बजाए टकराव और विवाद की बात कर रहे हैं। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बाराक ओबामा के सलाहकार बेन रोड्ज़ ने कहा कि ट्रम्प ने अमेरिका के घटकों को दूर भगा दिया।


फ़्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैकरां ने महासभा के अधिवेशन को संबोधित करते हुए कहा कि ईरान के साथ किए गए परमाणु समझौते को निरस्त करना बहुत बड़ी ग़लती होगी। मैकरां ने कहा कि यह बड़ा ग़ैर ज़िम्मेदाराना क़दम होगा।


वैसे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प का बयान इस्राईली शासन के प्रधानमंत्री बिनयामिन नेतनयाहू को बहुत पसंद आया। नेतनयाहू ने कहा कि ईरान के साथ किया गया परमाणु समझौता ख़त्म कर दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह समझौता अमेरिका के लिए बड़ा शर्मनाक था।


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