जम्मू-कश्मीर में बड़ी उठापटक, BJP ने PDP से समर्थन वापिस लिया? महबूबा देंगीं इस्तीफ़ा
जम्मू-कश्मीर में भाजपा-पीडीपी गठबंधन टूटा, भाजपा के सभी मंत्रियों ने दिया इस्तीफ़ा..;
जम्मू-कश्मीर : जम्मू-कश्मीर की राजनीति में बड़ी उठा-पटक होने जा रही है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बीजेपी ने पीडीपी से समर्थन वापस ले लिया है. बीजेपी ने समर्थन वापसी की चिठ्ठी राज्यपाल को भेज दी है. सूत्रों के मुताबिक, आज शाम ही जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती अपने पद से इस्तीफा देंगी. भाजपा के सभी मंत्रियों ने दिया इस्तीफ़ा दे दिया है.
Terrorism, violence and radicalisation have risen and fundamental rights of the citizens are under danger in the Valley. #ShujaatBukhari's killing is an example: Ram Madhav, BJP pic.twitter.com/0T0HLurWVu
— ANI (@ANI) June 19, 2018
फैसले के बाद बीजेपी नेता राम माधव ने कहा कि हमने गृह मंत्रालय, जम्मू-कश्मीर के तीन साल के कामकाज, सभी एजेंसियों से राय लेकर ये फैसला किया है. जिसके बाद ये तय हुआ है कि बीजेपी अपना समर्थन वापस ले रही है. राम माधव ने कहा कि तीन साल पहले जो जनादेश आया था, तब ऐसी परिस्थितियां थी जिसके कारण ये गठबंधन हुआ था. लेकिन जो परिस्थितियां बनती जा रही थीं उससे गठबंधन में आगे चलना मुश्किल हो गया था.
बीजेपी नेता राममाधव ने कहा कि जिन मुद्दों को लेकर सरकार बनी थी, उन सभी बातों पर चर्चा हुई. पिछले कुछ दिनों से कश्मीर में स्थिति काफी बिगड़ी है, जिसके कारण हमें ये फैसला लेना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि इस संबंध में प्रधानमंत्री, अमित शाह, राज्य नेतृत्व सभी से बात की है.
उन्होंने कहा कि सरकार के दो मुख्य लक्ष्य थे, जिसमें शांति और विकास सबसे अहम हिस्सा था. तीनों हिस्सों में विकास करना था, इसके लिए हमने गंठबंधन किया था. राम माधव ने बताया कि आज जो परिस्थिति बनी है, जिसमें एक भारी मात्रा में कश्मीर घाटी में आतंकवाद बढ़ा है. रेडिकलाइजेशन तेजी से आगे बढ़ रहा है.
राम माधव ने कहा कि जो हालात बन रहे थे, उससे घाटी में फंडामेंटल राइट्स खतरे में आ रहे थे. पत्रकार शुजात बुखारी की श्रीनगर शहर में हत्या होती है. जो परिस्थिति बन रही थी उससे प्रेस फ्रीडम, फ्रीडम ऑफ स्पीच खतरे में आ गई.
उन्होंने कहा कि जहां तक केंद्र सरकार का रोल है, केंद्र ने तीन साल तक राज्य को पूरी मदद की. कई सारे प्रोजेक्ट भी लागू किए गए. उन्होंने कहा कि हमने शांति स्थापित करने के लिए ही रमजान महीने में सीजफायर लागू किया था, लेकिन उसमें भी शांति स्थापित नहीं हो पाई. हालात बिगड़ते जा रहे थे.
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