शहीद औरंगजेब के परिवार से मिलने पहुंची रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण

रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण बुधवार को जम्मू कश्मीर के पुंछ में शहीद औरंगजेब के घर पहुंची और परिवार के सदस्यों से मिलकर अपनी संवेदना प्रकट की।;

Update: 2018-06-20 08:26 GMT

जम्मू -कश्मीर : रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण बुधवार को जम्मू कश्मीर के पुंछ में शहीद औरंगजेब के घर पहुंची और परिवार के सदस्यों से मिलकर अपनी संवेदना प्रकट की। इस मौके पर उन्होंने शहीद के पिता पूर्व सैनिक मुहम्मद हनीफ से कहा कि पूरी सेना, पूरा देश आप के साथ है। औरंगजेब आप का बेटा नहीं पूरे देश का बेटा है।



रक्षा मंत्री ने कहा कि मैंने यहां पर कुछ समय बिताया है और यहां से एक संदेश लेकर वापस लौट रही हूं। यहां पर एक परिवार है एक शहीद है जो पूरे देश के लिए प्रेरणा के तौर पर खड़े है। इस अवसर पर सेना के वरिष्ठ अधिकारी भी रक्षा मंत्री के साथ मौजूद थे।



इससे पहले सेना प्रमुख बिपिन रावत ने भी उनके परिवार से मुलाकात की थी। बता दें कि जम्मू-कश्मीर में सीजफायर खत्म होने से एक दिन पहले ही आतंकियों ने सेना के जवान औरंगजेब को मार दिया था।
दक्षिणी कश्मीर के शोपियां जिले में आतंकवादियों द्वारा अगवा किए जाने के बाद मार दिए गए राइफलमैन औरंगजेब को पुंछ जिले के सलानी गांव में भारत समर्थक और पाकिस्तान विरोधी नारों के बीच रविवार को सुपुर्द-ए-खाक किया गया था। गमगीन माहौल के बावजूद जवान के परिवार में देश सेवा का हौसला बना हुआ है।
बता दें कि आतंकियों ने पुलवामा से औरंगजेब का अपहरण कर लिया था, जब वह ईद मनाने अपने घर जा रहे थे। इसके बाद 14 जून को उनका गोलियों से छलनी शव बरामद हुआ था।
सेना की 44 राष्ट्रीय राइफल्स के जवान औरंगजेब को बीते दिनों अगवा किया गया था, जिसके बाद आतंकियों ने उनकी हत्या कर दी थी। आतंकियों ने उस वक्त औरंगजेब का अपहरण किया, जब वह ईद की छुट्टी लेकर अपने घर पुंछ लौट रहे थे। औरंगजेब उस कमांडो ग्रुप का हिस्सा थे, जिसने हिज्बुल कमांडर समीर टाइगर को मार गिराया था। 16 जून को उन्हें अंतिम विदाई दी गई थी।
औरंगजेब के चार भाइयों में सबसे छोटे 15 वर्षीय आसिम अपने भाई की हत्या से टूटे नहीं हैं और वह अपने बड़े भाई की तरह ही सेना में शामिल होना चाहते हैं।
औरंगजेब को जब अगवा किया गया उस वक्त आसिम उनसे फोन पर बात कर रहे थे।असिम ने कहा, ''मेरा भाई निजी गाड़ी से पुंछ आ रहा था, वह मुझसे बात कर रहे थे.।मैंने गाड़ी रूकवाने की आवाज सुनी। मुझे लगा कि कुछ जांच हो रही है, मुझे बिल्कुल अंदाजा नहीं था कि मेरे निहत्थे भाई को आतंकियों ने अगवा कर लिया है।''

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