भारत ने बनाई दुनिया की सबसे ऊंची सड़क, देखें तस्वीरें

गर्मियों में यहां तापमान शून्य से नीचे -10 से -20 डिग्री सेल्सियस तक रहता है. सर्दियों में यह शून्य से नीचे -40 डिग्री तक चला जाता है.;

Update: 2017-11-03 04:53 GMT

नई दिल्ली: भारत ने लद्दाख में वाहन चलने योग्य दुनिया की सबसे ऊंची सड़क बना दी है. भारत के सीमा सड़क संगठन (bro) ने जम्मू-कश्मीर के लद्दाख में यह सड़क बना कर बड़ी कामयाबी हासिल की है.





गुरुवार को सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के प्रोजेक्ट हिमांक ने समुद्रतल से करीब 19300 फीट की ऊंचाई पर उमलिंगा टॉप पर सड़क बिछा इतिहास रच दिया. यह वाहनों के आवागमन के लिए दुनिया की सबसे ऊंची सड़क है. 





बता दें कि bro ने यह सड़क प्रोजेक्ट हिमांक के तहत बनाई हैं. यह सड़क जम्मू-कश्मीर के लद्दाख में लेह से 230 किलोमीटर दूर हानले के पास हैं.  इस सड़क का निर्माण अत्यंत मुश्किल था, क्योकि समुद्रतल से 19,300 फीट की ऊंचाई पर न सिर्फ ऑक्सीजन का स्तर कम था, बल्कि निर्माण सामग्री भी पहुंचाना बहुत मुश्किल था. गर्मियों में यहां  तापमान शून्य से नीचे -10 से -20 डिग्री सेल्सियस तक रहता है. सर्दियों में यह शून्य से नीचे -40 डिग्री तक चला जाता है.
इस ऊंचाई पर आँक्सीजन की मात्रा सामान्य स्थानों से 50 फीसदी कम रहती हैं. साथ ही मशीन आपरेटरों को आँक्सिजन के लिए हर 10 मिनट पर निचे आना होता हैं. विपरीत मौसमी परिस्थितियों में काम करने की वजह से कई श्रमिकों और अधिकारियों को मेमोरी लॉस, आइसाइट और हाई ब्लड प्रेशर जैसी कई स्वास्थ्य दिक्कतों का सामना करना पड़ा.





देश सेना व स्थानीय जनता के लिए इस सड़क की अहमियत को देखते हुए प्रोजेक्ट हिमांक के अधिकारियों व श्रमिकों ने अपनी जान जोखिम में डाल दिन रात काम किया. सड़क निर्माण की निगरानी करने वाले 753 सीमा सड़क कार्यबल के
कमांडेंट प्रदीप राज
ने बताया कि निर्माण कार्य में शामिल मजदूरों और अधिकारियों को पहले पूरी तरह प्रशिक्षित किया गया था. उसके बाद उनके शरीर को तीन चरणों में स्थानीय मौसम और परिस्थितियों के अनुकूल बनाया.






इस मुश्किल काम को करने को लेकर bro कर्मियों की तारीफ करते हुए प्रोजेक्ट के चीफ इंजीनियर ब्रिगेडियर डीएम पुरवीमठ ने कहा कि इतनी अधिक ऊंचाई पर सड़क बनाना चुनौतियोंसे भरा हुआ था. उन्होंने कहा कि इस जगह कि जलवायु निर्माण गतिविधियों के लिए हमेशा ही मुश्किल रहती हैं.
बीआरओ के प्रवक्ता ने बताया कि चिसुमले और देमचक गांवों को जोड़ने वाली 86 किमी लंबी सड़क रणनीतिक महत्व की है. ये गांव पूर्वी क्षेत्र में भारत-चीन सीमा से महज कुछ ही दूरी पर स्थित हैं. 



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