अब तक 2017 में 190 आतंकी मारे गए,जम्मू-कश्मीर में ऑपरेशन ऑलआउट करने का कहर जारी

इस साल 190 आतंकियों की मौत की पुष्टि करते हुए कहा कि अभी भी लगभग 200 आतंकी कश्मीर में सक्रिय हैं। चिनार कोर मुख्यालय में सेना की 15कोर के जीओसी मेजर जनरल जेएस संधु व राज्य पुलिस महानिदेशक डा एसपी वैद ने बातचीत करते हुए, कहा कि...;

Update: 2017-11-20 08:25 GMT

श्रीनगर: कश्मीर में अल-कायदा के ऐलान और आइएस के बढ़ते प्रभाव से इन्कार करते हुए रविवार को राज्य पुलिस और सेना ने दावा किया है कि कश्मीर में इन खूंखार आतंकी संगठनों का कोई आधार नहीं है। उन्होंने इस साल 190 आतंकियों की मौत की पुष्टि करते हुए कहा कि अभी भी लगभग 200 आतंकी कश्मीर में सक्रिय हैं। चिनार कोर मुख्यालय में सेना की 15कोर के जीओसी मेजर जनरल जेएस संधु व राज्य पुलिस महानिदेशक डा एसपी वैद ने बातचीत करते हुए कश्मीर के जल्द आतंकवाद व नशा मुक्त होने की उम्मीद जताई। 

इस मौके पर आइजीपी कश्मीर मुनीर अहमद खान, विक्टर फोर्स के जीओसी-इन-सी मेजर जनरल बीएस राजू और आइजी सीआरपीएफ जुल्फिकार हसन भी मौजूद थे।गत रोज बांडीपोर में लश्कर के छह शीर्ष कमांडरों के मारे जाने को बड़ी कामयाबी बताते हुए कोर कमांडर ने कहा कि कश्मीर में लश्कर के नेतृत्व का लगभग सफाया हो गया है। मारे गए आतंकियों में जरगाम, महमूद भाई और लखवी के भतीजे उबैद उर्फ उसामा भी शामिल है। उन्होंने कहा कि हम अपने आतंकरोधी अभियान जारी रखेंगे ताकि कश्मीर में जल्द शांति बहाल हो। हाल ही में माजिद इरशाद खान के सरेंडर संबंधी सवाल और नए आतंकियों की भर्ती से संबधित सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि हम दो मोर्चाे पर काम कर रहे हैं। 
इनमें से 80 स्थानीय हैं, जबकि 110 विदेशी आतंकियों में से 66 एलओसी पर घुसपैठ की कोशिश करते हुए मारे गए हैं। इस समय भी कश्मीर में 200 आतंकी सक्रिय हैं। उनमें आधे से ज्यादा स्थानीय आतंकी हैं। घुसपैठ पर उन्होंने कहा कि पूरी तरह इसे रोकना संभव नहीं है। घुसपैठ न हो और आतंकियों को इस तरफ आने का मौका न मिले, इसके लिए घुसपैठरोधी तंत्र मजबूत बनाया गया है।मददगार की लें मददआइजी सीआरपीएफ जुल्फिकार हसन ने कहा कि सेना, पुलिस और सीआरपीएफ समेत सभी सुरक्षा एजेंसियां पूरे समन्वय से काम कर रही हैं। इसलिए आतंकियों के खिलाफ अभियान कामयाब हो रहे हैं। हम स्थानीय आतंकियों के सरेंडर और उनकी घर वापसी का प्रयास कर रहे हैं। सभी स्थानीय आतंकियों से हमारी अपील है कि वे माजिद इरशाद खान के रास्ते पर चलें। कई स्थानीय आतंकी मुख्यधारा में शामिल होने को तैयार हैं, लेकिन उन्हें रास्ता नजर नहीं आ रहाहै। वह खुद या उनके दोस्त या परिजन किसी भी समय सीआरपीएफ की हेल्पलाइन मददगार पर संपर्क कर सकते हैं। पुलिस और सेना की हेल्पलाईन की मदद भी ले सकते हैं।60 युवकों को आतंकी बनने से रोका गयाराज्य पुलिस महानिदेशक डॉ. एसपी वैद ने कहा कि सुरक्षा एजेंसियां सिर्फ आतंकियों को मार गिराने में सक्रिय नहीं हैं। स्थानीय युवकों को जिंदा पकड़ने, उनके सरेंडर को यकीनी बनाने से लेकर नए लड़कों को आतंकी संगठनों में शामिल होने से रोकने के मोर्चे पर काम किया जा रहा है। इस साल हमने 60 लड़कों को आतंकी संगठनों की चंगुल से बचाया है।आतंकियों के लिए एक बड़ा झटकाकोर कमांडर मेजर जनरल जेएस संधु ने कहा कि हाजिन मुठभेड़ में छह आतंकियों की मौत लश्कर के लिए ही नहीं कश्मीर में सक्रिय अन्य स्थानीय और विदेशी आतंकियों वउनके संगठनों के लिए एक बड़ा झटका है। झटके से उभरने में आतंकी संगठनों को बड़ा वक्त लगेगा। मारे गए यह छह आतंकी बीते एक साल से उत्तरी कश्मीर में एक बड़ी सिरदर्द बने हुए थे। इन्हीं आतंकियों अपै्रल में रशीद बिल्ला की हत्या की थी। करीब दो माह पहले मुजफ्फर नाटा और अक्टूबर में बीएसएफ जवान की हत्या भी इनकी कारस्तानी थी। सीआरपीएफ के कमंाडेंट चेतन चीता इनके साथ ही मुठभेड़ में जख्मी हुए थे। यह सभी एक ही मकान में बीते तीन चार दिन से थे। किसी को भी बच निकलने का मौका नहीं मिला और यह सभी मारे गए।
शव ले जाएं, आखिरी बार चेहरा देख लें
वैदराज्य पुलिस महानिदेशक डॉ. एसपी वैद ने हाजिन मुठभेड़ में जकी उर रहमान लखवी के भतीजे व अब्दुल रहमान मक्की के पुत्र उबैद की मौत की पुष्टि करते हुए कहा कि सभी छह आतंकी पाकिस्तानी ही थे। हम चाहते हैं कि उनके घर वाले उनका आखिरी बार जरुर देखें और यही इंसानियत है। इसलिए हमारा आग्रह है कि वह शव ले जाएं और अपने इलाके में उन्हें दफन करें।जकूरा हमले की जिम्मेदारी आइएस नेअल-कायदा ने अंसार उल गजवा ए हिंद नामक संगठन को अपना हिस्सा बताते हुए जाकिर मूसा को कमांडर घोषित कर रखा है। आइएसआइएस के लगातार निकल रहे झंडों के बीच गत शुक्रवार को मारे गए आतंकी मुगीस अहमद की मौत पर भी आइएसआइएस ने अपनी बेवसाइट पर जकूरा हमले की जिम्मेदारी ली है।

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