हेमंत सोरेन सरकार ने पहली कैबिनेट बैठक में लिए बड़े फैसले, पत्थलगड़ी आंदोलन में दर्ज मुकदमे होंगे वापस

मंत्रिमंडल ने सभी जिलों में फास्ट ट्रैक अदालतों में आवश्यक न्यायिक अधिकारियों के लिए पोस्ट निकालने का निर्देश दिया गया है. यहां पर महिलाओं और बच्चों के खिलाफ दर्ज मामलों को जल्द निपटाया जाएगा.

Update: 2019-12-30 05:58 GMT

झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने रविवार को हुई मंत्रिमंडल की पहली बैठक में कई अहम फैसले लिए हैं. मंत्रिमंडल ने साल 2017-18 में पत्थलगड़ी आंदोलन में शामिल लोगों पर दर्ज सभी मुकदमे वापस लेने का फैसला किया है.

रघुबर दास सरकार ने छोटा नागपुर टेनेंसी ऐक्ट (सीएनटी) और संथाल परगना टेनेंसी ऐक्ट (एसपीटी) में कुछ बदलाव किए थे. इन बदलावों के खिलाफ लोगों ने प्रदर्शन किए थे.

आंदोलन के दौरान कई ग्रामिणों ने दावा किया था कि वो पुलिस हिंसा का शिकार हुए. इस मामले में राजद्रोह के 19 मामले दर्ज किए गए थे. कुल 172 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था.

साथ ही मंत्रिमंडल ने सभी जिलों में फास्ट ट्रैक अदालतों में आवश्यक न्यायिक अधिकारियों के लिए पोस्ट निकालने का निर्देश दिया गया है. यहां पर महिलाओं और बच्चों के खिलाफ दर्ज मामलों को जल्द निपटाया जाएगा.

इसके अलावा सभी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और पैरा-टीचर्स के बकाए का भुगतान करने का फैसला हुआ है. मालूम हो कि जेएमएम नेता स्टीफेन मरांडी को अगली विधानसभा के लिए स्पीकर चुना गया है.

जेएमएम के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने रविवार को विपक्षी पार्टियों के नेताओं की उपस्थिति में झारखंड के 11वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. मंत्रिमंडल के ये फैसले शपथग्रहण के कुछ समय बाद ही आए.

इसके अलावा मंत्रिमंडल ने राज्य सरकार में खाली सभी पदों को भरने का भी आदेश दिया है. साथ ही जिला, ब्लाक और पंचायत स्तर पर बकाया भुगतान को पूरा करने के लिए कहा गया है.

क्या है पत्थलगड़ी

पत्थलगड़ी का चलन आदिवासियों में काफी लंबे समय से रहा है. ये लोग गांव और जमीन का सीमांकन के लिए, मृत व्यक्ति की याद में, किसी की शहादत की याद में, खास घटनाओं को याद रखने के लिए पत्थर गाड़ देते हैं.

इसे जमीन की रजिस्ट्री के पेपर से भी ज्यादा अहम माना जाता है. साथ ही किसी खास निर्णय को सार्वजनिक करना, सामूहिक मान्यताओं को सार्वजनिक करने के लिए भी पत्थलगड़ी का चलन है. यह मुंडा, संथाल, हो, खड़िया आदिवासियों में सबसे ज्यादा प्रचलित है.

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