कर्नाटक में बैलेट पेपर से हुए चुनाव में कांग्रेस जद एस की बल्ले बल्ले

Update: 2019-06-01 03:34 GMT

कर्नाटक में एक महीने के अंदर चुनावों में फिर से कांग्रेस और जनता दल सेक्युलर (जेडी-एस) का परचम लहराया है। निकाय चुनावों में 70 फीसदी सीटों पर इन दोनों ने कब्जा कर लिया है। शुक्रवार (31 मई, 2019) को जारी नतीजों में सात शहरों के नगर निकाय चुनाव की कुल 217 सीटों में कांग्रेस ने 90, बीजेपी ने 56, जेडी(एस) ने 38, बसपा ने दो, निर्दलीय ने 25 और अन्य ने छह सीटें जीतीं।

दरअसल, लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा था। ऐसे में सूबे के शहरी स्थानीय निकायों के चुनावों में सफलता मिलने पर पार्टी ने न केवल खुशी जताई, बल्कि दावा किया है कि कुछ ही दिनों के अंदर जनता ने एक बार फिर से पार्टी पर विश्वास जताया है।

पार्टी प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने निकाय चुनाव के नतीजे टि्वटर पर शेयर किए। साथ ही लिखा, कर्नाटक में 19 और 23 अप्रैल को लोकसभा चुनाव के लिए मतदान हुआ था। इसके एक महीने के बाद 29 मई को शहरी स्थानीय निकाय का चुनाव हुआ। लोकसभा चुनाव में केंद्रीय चुनाव आयोग के तहत आने वाली ईवीएम का उपयोग किया। शहरी निकाय के चुनाव में राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकार के तहत आने वाली ईवीएम का उपयोग हुआ।



वह बोले, "हम खुश हैं कि लोगों ने अपनी सोच बदली और कांग्रेस को चुना। कर्नाटक के शहरी स्थानीय निकाय के चुनाव में कांग्रेस पार्टी का अच्छा प्रदर्शन रहा है। कांग्रेस ने 509 वार्डों में जीत हासिल की है, जबकि जेडी(एस) ने 174 और भाजपा ने 366 वार्डों में जीत दर्ज की।

बता दें कि आम चुनाव में कर्नाटक की कुल 28 में से 25 सीटों पर भाजपा ने जीत दर्ज की थी। वहीं, सत्ताधारी कांग्रेस-जद(एस) गठबंधन को महज एक-एक सीट से ही संतोष करना पड़ा था, जबकि एक सीट निर्दलीय के खाते में गई थी। बता दें कि सूबे में सीएम एचडी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाले जेडी(एस) और राहुल गांधी के नेतृत्व वाले कांग्रेस के गठबंधन की सरकार है

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