सबसे बड़ी खबर: कौन है वह मुस्लिम शख्स जो बनेगा कर्नाटक के लिंगायत मठ का पुरोहित

कर्नाटक के गडग में लिंगायत मठ का नेतृत्व मुस्लिम शख्स दीवान शरीफ मुल्ला को सौंपा है। वह 26 फरवरी से समुदाय की कमान संभालेंगे। शरीफ की पुरोहित के रूप में नियुक्ति के लिए लिंगायत मठ ने कई परंपराओं को पीछे छोड़ा है।

Update: 2020-02-20 11:13 GMT

कर्नाटक में एक लिंगायत मठ परंपराओं को तोड़ते हुए एक मुस्लिम शख्स को अपना पुरोहित बनाने का फैसला किया है। 33 साल के दीवान शरीफ मुल्ला को गडग स्थित मुरुगराजेंद्र मठ में पुरोहित बनाया जाएगा। शरीफ 26 फरवरी को मठ की कमान संभालेंगे। उनका कहना है कि उन्हें ऐसा करने के लिए किसी ने नहीं किया बल्कि उनके मन के सर्वशक्तिमान ने प्रेरित किया है।

शरीफ 26 फरवरी को समुदाय की कमान संभालेंगे। आसुति गांव में स्थित मुरुगराजेंद्र कोरानेश्वरा शांतिधाम मठ में शरीफ को पुजारी बनाया जाएगा। यह मठ कलबुर्गी के खजुरी गांव के 350 साल पुराने कोरानेश्वर संस्थान मठ से जुड़ा हुआ है। मठ के पुजारी मुरुगराजेंद्र कोरानेश्वर शिवयोगी शरीफ को पुरोहित नियुक्त करेंगे।

प्रेम और त्याग का संदेश देंगे शरीफ

शरीफ के पिता ने भी मुरुगराजेंद्र कोरानेश्वर शिवयोगी से 'लिंग दीक्षा' ली थी। पिछले साल 10 नवंबर को शरीफ ने दीक्षा ली। शरीफ बचपन से ही बसव की शिक्षाओं के प्रति आकर्षित थे। वह कहते हैं, 'मुझे पवित्र धागा पहनाया गया है और जिम्मेदारी दी गई है। उन्होंने मुझे ईष्ट लिंग दीक्षा और यह सम्मान दिया। मैं धर्म के रास्ते पर चलूंगा। मुझे प्रेम और त्याग का संदेश दिया गया है मैं इसी का प्रचार-प्रसार करूंगा।'

विवाहित और चार बच्चों के पिता हैं शरीफ

शरीफ विवाहित हैं और वह तीन बेटियों व एक बेटे के पिता हैं। लिंगायत मठों में परिवार वाले व्यक्ति की पुजारी के तौर पर नियुक्ति भी असामान्य ही है। हालांकि शिवयोगी का कहना है कि पारिवारिक व्यक्ति एक स्वामी बन सकता है और सामाजिक तथा आध्यात्मिक कार्य कर सकता है।  

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