कर्नाटक से घर नहीं जा पाएंगे मजदूर, येदियुरप्पा सरकार ने कैंसिल की स्पेशल ट्रेनें

येदियुरप्पा ने कहा, कोरोना वायरस वित्तीय पैकेज के रूप में 1610 करोड़ रुपये जारी किए जाएंगे. 2 लाख 30 हजार नाइयों और 7 लाख 75 हजार ड्राइवरों को 5000 रुपये का मुआवजा दिया जाएगा.

Update: 2020-05-06 13:37 GMT

बेंगलुरु: लॉकडाउन में फंसे प्रवासी मजदूरों को घर पहुंचाने के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई जा रही हैं. लेकिन कर्नाटक में फंसे मजदूरों की चिंता बढ़ सकती है. कर्नाटक सरकार ने प्रवासी मजदूरों को घर भेजने के लिए 10 ट्रेनें चलाने का इंतजाम किया था, लेकिन अब राज्य की येदियुरप्पा सरकार ने श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को कैंसिल कर दिया है. नोडल ऑफिसर एन मंजूनाथ प्रसाद ने एक लेटर लिखकर रेलवे से अपील की है कि 6 मई से चलने वाली स्पेशल ट्रेनें कैंसिल कर दी जाएं. हालांकि सरकार ने ये ट्रेनें कैंसिल करने का कोई कारण नहीं बताया है. कर्नाटक में यूपी, बिहार, झारखंड, ओडिशा, राजस्थान के ज्यादातर मजदूर काम करते हैं.

रिपोर्ट्स के मुताबिक, सीएम येदियुरप्पा ने बिल्डरों और रियल एस्टेट इंडस्ट्रियलिस्ट के साथ मीटिंग के बाद ट्रेनें नहीं चलाने का फैसला लिया. दरअसल, चार मई से लॉकडाउन का तीसरा फेज शुरू हो गया है. अब राज्य सरकार ने कई तरह की छूट दे दी है. कुछ इंडस्ट्रीज खुल गई हैं. लेकिन अगर मजदूर अपने घर चले जाएंगे, तो काम में बाधा आ सकती है.

सीएम येदियुरप्पा ने मजदूरों से की रुकने की अपील

कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी.एस येदियुरप्पा ने प्रवासी मजदूरों से घर न जाने की अपील की है. येदियुरप्पा ने कहा, "हमने 3500 बसों और ट्रेनों से लगभग 1 लाख लोगों को उनके घर वापस भेज दिया है. मैंने प्रवासी श्रमिकों से यहां रहने की अपील भी की है क्योंकि निर्माण कार्य अब फिर से शुरू हो गया है. येदियुरप्पा ने कहा, कोरोना वायरस वित्तीय पैकेज के रूप में 1610 करोड़ रुपये जारी किए जाएंगे. 2 लाख 30 हजार नाइयों और 7 लाख 75 हजार ड्राइवरों को 5000 रुपये का मुआवजा दिया जाएगा. 

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