कर्नाटक में क्रैश हुआ डीआरडीओ का रुस्तम 2 यूएवी, ट्रायल के दौरान हादसा

यह डीआरडीओ का रुस्तम 2 यूएवी है. इसका आज ट्रायल किया जा रहा था. मौके पर डीआरडीओ के आला अधिकारी पहुंच गए हैं.

Update: 2019-09-17 04:51 GMT
नई दिल्ली : रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) का एक अनमैन्ड एरियल व्हीकल (यूएवी) मंगलवार सुबह कर्नाटक में हादसे का शिकार हो गया. चित्रदुर्ग जिले के जोडीचिकेनहल्ली में सुबह 6 बजे यूएवी दुर्घटनाग्रस्त हुआ है. यह डीआरडीओ का रुस्तम 2 यूएवी है. इसका आज ट्रायल किया जा रहा था. मौके पर डीआरडीओ के आला अधिकारी पहुंच गए हैं.

चैलकेरे एरोनॉटिकल टेस्ट रेंज (एटीआर) में आउट-डोर परीक्षण किया जाता है. यहां डीआरडीओ की ओर से विशेष रूप से मानव रहित विमानों के लिए काम किया जाता है. क्रैश की घटना इसी रेंज के आसपास हुई है. चित्रदुर्ग के एसपी ने घटना के बारे में कहा, डीआरडीओ का रुस्तम 2 क्रैश हुआ है. इसका ट्रायल किया जा रहा था जिसमें वह फेल हो गया और खुले इलाके में गिर गया. लोगों को इस यूएवी के बारे में कुछ जानकारी नहीं थी इसलिए इसे देखने के लिए आसपास भीड़ इकट्ठी हो गई.

क्या होता है यूएवी

-अनमैन्ड एरियल व्हीकल (यूएवी) एयरक्राफ्ट का एक क्लास है जो बिना किसी पायलट के उड़ सकता है.

-यूएवी सिस्टम में एयरक्राफ्ट कंपोनेंट, सेंसर पेलोड्स और एक ग्राउंड कंट्रोल सिस्टम होता है.

-यूएवी को ऑनबोर्ड इलेक्ट्रॉनिक उपकरण या ग्राउंड पर लगे उपकरणों से नियंत्रित किया जा सकता है.

-जब इसे ग्राउंड सिस्टम से कंट्रोल किया जाता है तो इसे आरपीवी (रिमोटली पायलटेड व्हीकल) कहा जाता है. इसके लिए वायरलेस सिस्टम की जरूरत पड़ती है.

-यूएवी का उपयोग निगरानी और रक्षा से जुड़े कार्यों में ज्यादातर किया जाता है. मिलिटरी और कमर्शियल कार्यों में इसका प्रयोग अब ज्यादा होने लगा है.

-छोटे यूएवी को ग्राउंड पर लगे लैपटॉप से भी कंट्रोल किया जा सकता है. मौसम की जानकारी के लिए भी इसका उपयोग बड़े पैमाने पर किया जा रहा है.

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