बड़ी ख़बर : कर्नाटक के एकमात्र बसपा विधायक ने मंत्री पद से दिया इस्तीफा!

बीएसपी विधायक ने ऐसे समय पर झटका दिया है जब मायावती ने मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस से दूरी बनाते हुए अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान किया है।

Update: 2018-10-11 15:29 GMT

नई दिल्ली : कर्नाटक की जनता दल सेक्युलर(जेडीएस) और कांग्रेस गठबंधन सरकार से बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के एकमात्र नेता एन महेश ने शिक्षा मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया है। बीएसपी विधायक ने ऐसे समय पर झटका दिया है जब मायावती ने मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस से दूरी बनाते हुए अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान किया है।


बता दें कि गठबंधन के पास पहले 117 विधायक थे और एक एलएलए के इस्तीफे के साथ ही यह आंकड़ा 116 पहुंच गया है। 222 विधानसभा सीटों पर हुए मुकाबले में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने 104 सीटों पर जीत हासिल की थी। हालांकि, बहुमत के लिए 113 सीटें होनी जरूरी हैं।

महेश ने कहा, 'मेरे खिलाफ मेरी ही विधानसभा में अभियान चलाया जा रहा था कि मैं बेंगलुरु में ही टिका हूं और अपनी विधानसभा सीट कोल्लेगल पर ध्यान नहीं दे रहा हूं। इसके साथ ही लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी का बेस मजबूत करने की भी जरूरत है।' यही नहीं, महेश ने यह भी कहा कि उनका समर्थन गठबंधन सरकार के साथ है और वह तीन लोकसभा और दो विधानसभा सीटों पर तीन नवंबर को होने वाले उपचुनाव में जेडीएस के लिए प्रचार भी करेंगे। गठबंधन सरकार में मंत्री रहे एन महेश ने कहा, 'मेरे निजी कारणों की वजह से मैं इस्तीफा दे रहा हूं।'

कोल्लेगला सीट से बीएसपी विधायक एन महेश को 71,792 वोट मिले थे। कांग्रेस उम्मीदवार एआर कृष्णामूर्ति को 52,338 वोटों के साथ हार का मुंह देखना पड़ा था जबकि बीजेपी की ओर से जीएन नंजूडा स्वामी को 39,690 वोट मिले थे।

दरअसल, बीएसपी ने राज्य की प्रमुख पार्टी जनता दल सेक्युलर (जेडीएस) के साथ गठबंधन किया है। राज्‍य में हुए विधानसभा मुकाबले में 18 सीटों पर बीएसपी ने अपने प्रत्‍याशी उतारे थे। 18 उम्मीदवारों में से महेश समेत 11 दलित थे।

1994 में बीएसपी ने बीदर से जीता था चुनाव

खास बात यह भी है कि बीएसपी कर्नाटक में पिछली बार 1994 का चुनाव बीदर से जीती थी। बेंगलुरु यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में परास्नातक एन महेश बीते 25 वर्षों से यह सीट हार रहे थे।

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