समझदार सभी हैं लेकिन समझता कोई नहीं, मत करिये ये दस काम कोरोना आपका कुछ नहीं बिगाड़ सकता!

हम सभी कुछ कार्य आसानी से कर सकते हैं

Update: 2021-04-24 06:55 GMT

देश में महामारी ने भयानक रूप धारण कर लिया है। अस्पताल खुद बेहाल हैं तो मरीजों का क्या हाल होगा। सबसे अच्छा होगा कि अस्पताल जाने की नौबत ही न आये। ऐसा तभी हो सकता है जब हम पूरी सावधानी बरतें। अगर आप सोच रहे हैं कि आप आपातकाल में अस्पताल में जाकर बच जाएंगे तो बहुत बड़े धोखे में हैं। मैं डराना नहीं चाहता लेकिन स्थिति यही है कि बाहर जो चार दिन जी सकता है तो अस्पताल में 3 दिन या दो दिन ही। यदि आपकी जेब मोटी है तब निजी अस्पताल शायद आपको बचा लें। संक्रमण की रफ्तार बहुत ज़्यादा है और बुनियादी ढांचा उसके हिसाब से अपर्याप्त है।

हम सभी कुछ कार्य आसानी से कर सकते हैं

1- TV देखना बन्द कर दीजिये। वहाँ अफवाहों और सनसनी के अलावा कुछ नहीं। सभी अपने अजेंडों पर काम के रहे हैं। इससे आप बहुत शांति का अनुभव करेंगे। मनोचिकित्सक कहते हैं कि डरने से इम्युनिटी और कम हो जाती है अतः कुछ हल्के फुल्के मनोरंजक वीडियो देखिए। मित्रों से संपर्क करके उन्हें भी ढाढस बँधाइये।

2- अत्यधिक आवश्यक हो तभी बाहर निकले और जब भी बाहर निकले मास्क अवश्य अवश्य अवश्य पहने। यह आपका रक्षा कवच। इसमें तनिक भी ढिलाई आपके लिए ही नहीं दूसरों के लिए भी घातक हो सकती है। यह यद्धक्षेत्र में हेलमेट की तरह है। गोलियाँ चल रही हैं, अगर आपने बिना हेलमेट के सर उचकाया तो अगली गोली लग सकती है। इसलिए सावधान! मास्क भी खानापूर्ति के लिए या चालान से बचने के लिए न लगाएं बल्कि पूरे मुँह और नाक को ढाँक कर रखें। प्रायः लोग गले मे मास्क लटकाए रहते हैं या ज़्यादा से ज़्यादा मुँह तक और नाक खुली रहती है।

3- दुकानदारों और अधिक लोगों के संपर्क में आने वाले लोग फेस शील्ड भी लगाए रहें जो उनके लिये बहुत ज़रूरी है। इस बार पता चला है कि वायरस कण बहुत छोटा है अतः हवा में देर तक रहता है। अर्थात् यदि कोई कोरोना संक्रमित व्यक्ति आकर चला भी गया है तो उसके द्वारा छोड़े गए वायरस कण वातावरण में होंगे। अतः मास्क में कोई ढिलाई न करें।

4- अब तक इतना प्रचार हो गया है कि कोरोना के लक्षण सभी को पता हो गए हैं। सरदर्द, बुखार, खाँसी, सूखी खाँसी, साँस लेने में तकलीफ, शरीर मे दर्द, स्वाद और गंध न महसूस होना, डायरिया आदि इसके लक्षण हैं। ऐसा हो तो उपचार शुरू कर दें और टेस्ट भी करा लें।

5- ऑक्सीजन लेवल कम होने पर भी घबराएँ नहीं अन्यथा और कम हो जाएगा। डॉक्टर्स बता रहे हैं कि 85-90 तक होने पर पेट के बल 40-50 मिनट लेटने से ऑक्सीजन लेवल बढ़ जाता है। इस बीच अस्पतालों का पता करते रहें और सुधार न दिखे तो भर्ती हो जाँय।

6- विटामिन C और भाप दोनों ही बहुत कारगर उपाय हैं बचाव के। भाप तो सभी को लेना चाहिए। कम से कम दो बार। बाहर से घर आने पर गरारा और भाप दोनों का सेवन करें।

7- प्रोटोकॉल की दवाओं के अतिरिक्त कोई भी दवा बिना योग्य डॉक्टर के परामर्श के न लें।

8- मृत्यु आदि की खबरें सोशल मीडिया पर शेयर करने से बचें। इससे अनावश्यक भय का वातावरण पैदा होता है।

9- जिन्हें कोरोना हो गया है, मेरी राय में उन्हें भी सहानुभूति बटोरने से बचना चाहिए। स्वस्थ होने के बाद चाहेँ तो सूचित कर दें।

10- हो सके तो चुनाव में भाग न लें। हर चरण के बाद संक्रमण बढ़ता जा रहा है। पंचायत चुनाव के लिए लोग आपको घर से लेकर जाएंगे, मिन्नते करेंगे, संबंधों का वास्ता देंगे लेकिन जब आप वहाँ से कोरोना लेकर लौटेंगे तो कोई हाल पूछने, अस्पताल भर्ती में मदद करने, दवा या ऑक्सीजन में मदद करने नहीं आएगा। कोई भी आपका भला करने के लिए चुनाव नहीं लड़ता, अपना भला करने के लिए लड़ता है वरना गाँवों की दशा ऐसी नहीं होती।

समझदार हम सभी हैं लेकिन...

-अमिताभ त्रिपाठी

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