भाजपा सांसद का फूटा गुस्सा, बोले- इंतजार करना था, कोई MLA सरपंच नहीं हूं

Update: 2021-09-19 10:25 GMT

मध्य प्रदेश के धार जिले के मनावर में बीएमओ ने भाजपा सांसद के देरी से आने के चलते कार्यक्रम शुरु कर दिया, इस पर भाजपा सांसद का गुस्सा इस कदर फूटा कि उन्होंने सबके सामने बीएमओ को लताड़ लगाते हुए कहा कि मेरा इंतजार नहीं कर सकते थे। 10 मिनट ही तो देरी हुई है, ध्यान रखना चाहिए कि सांसद को बुलाया है, किसी विधायक या सरपंच को नहीं। मैं सांसद हूं, समझ में नहीं आ रहा है। जबकि वे कार्यक्रम में करीब 45 मिनट देर से पहुंचे थे।इसका वीडियो अब सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है।

दरअसल, सोशल मीडिया पर धार के मनावर में प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिन पर शुक्रवार को एक कार्यक्रम रखा गया था, जिसमें धार-महू क्षेत्र से भाजपा सांसद छतर सिंह दरबार को मुख्य अतिथि के रुप में बुलाया गया था। लेकिन सासंद जी देरी से पहुंचे तो बीएमओ ने कार्यक्रम शुरु कर दिया। जब थोड़ी देर बाद भाजपा सांसद कार्यक्रम में पहुंचे तो चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलित हो चुका था, इस पर वे BMO डॉक्टर जीएस चौहान पर भड़क पड़े और स्टेज पर ही जमकर खरी खोटी सुना दी।इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल  हो रहा है।

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो  भाजपा सांसद छतर सिंह दरबार ने भड़कते हुए कहा कि मेरा इंतजार नहीं कर सकते थे। 10 मिनट ही तो देरी हुई है। ध्यान रखना था कि सांसद को बुलाया है। किसी विधायक या सरपंच वगैरह को नहीं बुलाया है। मैं सांसद हूं, समझ में नहीं आ रहा है। फिर चिल्लाकर कहा कि प्रधानमंत्री का जन्मदिन है। मैं क्यों लेट हुआ, इसकी आपको पहले जानकारी लेना थी। अधिकारियों को प्रोटोकॉल का पालन करना चाहिए था।  इस पूरे घटनाक्रम के दौरान मंच पर मनावर विधायक डॉ. हीरालाल के अलावा पूर्व मंत्री रंजना बघेल भी मौजूद थे।

इतना ही नहीं शनिवार को भी धार के उज्जवला योजना 2.0 का कार्यक्रम में भी धार लोकसभा सांसद छतर सिंह दरबार की जुबान फिसल गई और वे उज्जवला योजना छोड़ सीधे अमेरिका की सेना पर पहुंच गए और कहा पहले अमेरिका की सेना और अमेरिका के आतंकवादी हमारे सैनिकों के सिर काट ले गए और उन्होंने कटे हुए सिर को फुटबॉल बनाकर रौंदा और वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल भी किया। इसके बाद उन्होनें वायु सेना के अधिकारी अभिनंदन का जि़क्र किया, तब लोगो ने सासंद को याद दिलाया कि यह वाक्या पाकिस्तान में हुआ था, तो वे संभले और फिर उज्जवला पर आ गए।

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