मध्यप्रदेश में पूर्व सीएम शिवराज सिंह की खुली पोल, CAG की ताजा रिपोर्ट में बड़ा खुलासा

Update: 2019-12-26 03:34 GMT

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के शासनकाल में मध्य प्रदेश जन अभियान परिषद (MPJAP) ने 20.80 करोड़ रुपए का फर्जी यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट (यूसी) जमा किया। नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) ने अपनी हालिया रिपोर्ट (31 मार्च, 2018) में ये सवाल उठाया है। MPJAP योजना आयोग, अर्थशास्त्र और सांख्यिकी विभाग के मातहत काम करता है।

सीएजी की रिपोर्ट के मुताबिक MPJAP के मुख्य कार्यालय (2017-18 के वार्षिक खातों के मुताबिक) के बैंक खाते 23.30 करोड़ रुपए का क्लोजर बैलेंस उपलब्ध था, जिसमें से अनुदान प्राप्त राशि से 20.80 करोड़ रुपए 2007-08 से 2017-19 के दौरान मिले। रिपोर्ट के मुताबिक 'हालांकि विभाग द्वारा सौंपे गए विभाग को सौंपे गए यूसी में 100 फीसदी उपयोग दिखाया गया था। इससे पता चलता है कि संबंधित अधिकारियों द्वारा 20.80 करोड़ रुपए का फर्जी यूसी जमा किया गया था।

दरअसल इस सरकारी संस्था पर आरोप लगाया गया था कि जब राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान थे तब ये वैचारिक रूप से आरएसएस और भाजपा की ओर झुकाव वाले लोगों को रोजगार दिए जा रहे थे। ये लोग भाजपा सरकार द्वारा चलाए जा रहे प्रोग्राम जैसे नर्मदा यात्रा और एकात्मा यात्रा में लगे थे।

हालांकि MPJAP ने अपनी स्पष्टीकरण में कहा कि यह एक अनुदान प्राप्तकर्ता संस्थान है और प्राप्त अनुदान से खर्चों को पूरा करता है और यह राज्य, मंडल और जिला कार्यालयों के माध्यम से संचालित होता है। हालांकि कैग ने कहा कि उसका जवाब स्वीकार्य नहीं है क्योंकि यूसी को वास्तविक खर्च के आधार पर दिखाया जाना चाहिए था।

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