पहले हमले के बाद वनमंत्री उमंग सिंघार का दिग्विजय पर दूसरा बड़ा आरोप, सुनकर तिलमिला जायेंगे
उन्होंने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर सिंह पर कमलनाथ सरकार को अस्थिर करने की कोशिश का आरोप लगाया है। मंत्री के आरोपों के बाद कांग्रेस में बवाल मच गया है।
इन दिनों कांग्रेस में जमकर बिखराव और फूट देखने को मिल रही है। आए दिन मंत्री-विधायक अपनी ही पार्टी के बड़े नेताओं को घेरने में जुटे है। इनमें सबसे आगे नाम कमलनाथ सरकार में वनमंत्री उमंग सिंघार का चल रहा है, वे पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह पर जमकर एक के बाद एक बड़े आरोप और हमले बोल रहे है। पर्दे के पीछे सरकार चलाने और ट्रांसफर के बाद अब उमंग सिंघार ने दिग्विजय पर रेत और शराब कारोबार का आरोप लगाया है। वही उन्होंने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर सिंह पर कमलनाथ सरकार को अस्थिर करने की कोशिश का आरोप लगाया है। मंत्री के आरोपों के बाद कांग्रेस में बवाल मच गया है। कमलनाथ के मंत्री और दिग्विजय आमने सामने हो गए है।
दरअसल, सोमवार देर रात मीडिया से चर्चा के दौरान सिंघार ने दिग्गी पर फिर अटैक किया। सिंघार ने दिग्गी पर अब रेत और शराब कारोबार का आरोप लगाया है।उमंग सिंघार ने मीडिया से चर्चा के दौरान दिग्विजय सिंह के खिलाफ बड़ा हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि वे रेत और शराब कारोबार को बढ़ावा दे रहे हैं। उनका होशंगाबाद से रेत का धंधा चल रहा है। वन मंत्री सिंघार यहीं नहीं रुके बल्कि उन्होंने कहा कि आरपार की लड़ाई है। दिग्विजय सिंह खुद उल्टे--सीधे धंधे कर रहे हैं। भाजपा के समय से जमे अधिकारियों को अब तक नहीं हटाया गया है। परिवहन आयुक्त पद पर एक ही अधिकारी सात साल से जमा है।एक के बाद एक बयान के बाद प्रदेश की सियासत में बवाल मच गया है। कांग्रेस डैमेज कंट्रोल करने में जुट गई है।
वही सिंघार ने सोनिया को पत्र लिख कर दिग्विजय की शिकायत भी की है। जिसमें उन्होंने लिखा है कि दिग्विजय ट्रांसफर और पोस्टिंग का हिसाब मांग रहे हैं। सिंघार ने सोनिया गांधी लिखे पत्र में कहा है, ''बड़े ही दुःख के साथ आपको यह अवगत कराना पड़ रहा है कि मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार को पार्टी के ही कद्दावर नेता एवं सांसद दिग्विजय सिंह अस्थिर कर स्वंय को मध्यप्रदेश में पॉवर सेंटर के रूप में स्थापित करने में जुटे है। वह लगातार मुख्यमंत्री कमलनाथ एवं उनके मंत्रिमंडल के सहयोगियों को पत्र लिखकर और उसे सोशल मीडिया पर वायरल कर रहें हैं। ये पत्र मजबूत विपक्षी दलों के लिए मुद्दे बन जाते हैं। दिग्विजय सिंह के पत्र को लेकर विपक्ष आए दिन मुख्यमंत्री कमलनाथ और उनकी सरकार को घेरने के असफल प्रयास में लगा रहता है।''
उन्होंने लिखा है, ''मंत्री अपने मुख्यमंत्री के प्रति उत्तरदायित्व होता है। दिग्विजय सिंह एक राज्यसभा सदस्य हैं। वह पत्र लिखकर मंत्रियों से ट्रांसफर-पोस्टिंग का हिसाब ले रहे है, जो अनुचित है। ऐसे में तो अन्य सांसद, राज्यसभा सदस्य और नेतागण भी मंत्रियों को लिखे पत्रों का हिसाब-किताब लेना शुरू कर देंगे। यदि यह परम्परा पड़ गयी तो मंत्री सरकारी कामकाज और जनहितैषी योजनाओं को क्रियान्वयन कैसे कर पाएंगे।''