कमलनाथ देंगे मध्यप्रदेश के किसानों को एक और बड़ी सौगात!

Update: 2019-01-05 05:25 GMT

मध्यप्रदेश में नई सरकार की नए साल में आज पहली कैबिनेट बैठक होने जा रही है. मुख्यमंत्री बनने के बाद की गई कमलनाथ की घोषणाओं पर आज कैबिनेट की बैठक में मुहर लगेगी.  कैबिनेट में सबसे अहम् प्रस्ताव किसानों की कर्जमाफी का है. कर्जमाफी की समय सीमा 31 मार्च से बढ़ाकर 12 दिसंबर 2018 करने पर मंथन होगा. पहले मुख्यमंत्री कमलनाथ ने 31 मार्च 2018 तक का कर्जमाफ करने का आदेश किया था, अब कैबिनेट में 12 दिसम्बर तक का कर्जमाफ करने का प्रस्ताव रखा जाएगा. इसके अलावा कांग्रेस के वचन पत्र की घोषणाओं पर भी बड़े फैसले लिए जा सकते हैं. मंत्रियों को विभागों के बंटवारे के बाद यह पहली कैबिनेट बैठक होने जा रही है.

दरअसल, 11 दिसम्बर को मतगणना हुई थी और 12 को यह स्पष्ट हुआ था कि कांग्रेस सरकार बना रही है, जिसको लेकर यह तारीख तय हुई है. वहीं कर्जमाफी के आदेश के बाद से ही किसानों में इसको लेकर असमंजस की स्तिथि बनी हुई थी. वहीं मंत्रियों से चर्चा में भी किसानों को कर्जमाफी का ज्यादा से ज्यादा लाभ दिलाने की बात सामने आई थी. जिसके चलते आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सरकार किसानों की कर्जमाफी की तारीख को मार्च से दिसम्बर बढ़ाई जाने वाली है.

कैबिनेट की बैठक शनिवार सुबह 11 बजे मंत्रालय में मुख्यमंत्री कमलनाथ की अध्यक्षता में होगी. इसमें वित्त विभाग द्वारा किसानों की कर्जमाफी को लेकर तैयार प्रस्तावों पर कैबिनेट विचार करेगी। इससे पहले सीएम ने 30 नवंबर और 12 दिसंबर के हिसाब से प्रस्ताव तैयार करने के लिए कहा था. अब कर्जमाफी में जिन्होंने कर्ज जमा कर दिया है. उन्हें भी प्रोत्साहन राशि के रूप में कर्ज की राशि निर्धारित फॉर्मूले के तहत लौटाई जायेगी. सरकार एक अप्रैल 2007 से अब तक का किसानों का कर्ज माफ करने की तैयारी कर रही है. वह कर्जमाफी की प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए हर गांव में जाकर किसानों को फार्म वितरित करवाएगी और उनसे कर्ज की राशि फार्म में भरकर लेगी. इसके अलावा कैबिनेट में शिवपुरी में इंजिनीरिंग कॉलेज, माल सेवा कर अध्यादेश व् कन्या राशि 28 हजार से 51 हजार करने का प्रस्ताव भी रखा जायेगा.

ग्वालियर व्यापार मेला में रोड टैक्स पर 50 प्रतिशत छूट का प्रस्ताव.

12 से 15 हजार करोड़ रुपए के प्रथम अनुपूरक बजट पर चर्चा.

सामाजिक सुरक्षा पेंशन 300 से 1000 रुपए किए जाने पर विचार, इस पर 1200 करोड़ रुपए हर साल का खर्च अनुमानित.

संबल योजना के तहत हितग्राही को 100 यूनिट तक बिजली 1 रुपए प्रति यूनिट दिया जाना प्रस्तावित. 

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