मध्य प्रदेश में ज्यादती और सामूहिक ज्यादती की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए शिवराज सरकार कानून में बड़ा संशोधन करने जा रही है. अब 12 साल तक की लड़की से दुष्कर्म और किसी भी महिला के साथ सामूहिक गैंगरेप के सभी आरोपियों को फांसी की सजा दी जाएगी.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पुलिस के आला अफसरों के साथ शनिवार देर रात को लंबी चर्चा की. मुख्यमंत्री ने सभी पहलुओं पर चर्चा के बाद दंड विधि (मप्र संशोधन विधेयक) के अहम संशोधनों को मंजूरी दे दी.
हालांकि, कुछ अफसरों ने फांसी की सजा को सख्त बताया, लेकिन मुख्यमंत्री ने कहा कि दुष्कर्म या सामूहिक दुष्कर्म के मामलों में फांसी की सजा का प्रावधान जरूरी है. मुख्यमंत्री का पक्ष सुनने के बाद सभी पक्ष फांसी की सजा पर राजी हो गए.
शिवराज कैबिनेट की रविवार शाम चार बजे एक अहम बैठक हो रही है. इस बैठक में दंड संहिता संशोधन का मसौदा रखा जाएगा. कैबिनेट की मंजूरी के बाद सोमवार से शुरू हो रहे विधानसभा के शीतकालीन सत्र में इस विधेयक को पारित कर राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा.
छेड़छाड़ की बढ़ती घटनाओं को भी गंभीरता से लिया गया है और नए कानून में इसमें भी सख्त सजा का प्रावधान रखा गया है. सूत्रों के मुताबिक,
-आजीवन सजा 14 साल नहीं बल्कि पूरी जिंदगी होगी.
-सार्वजनिक स्थानों पर महिला की बेइज्जती करने, छेड़खानी, पीछा करने, फब्तियां कसने व अभद्र इशारा करने जैसे मामलों में भी सजा सख्त होगी.
-धारा 354 ए, 354बी, 354सी, 354डी में जमानत देने से पहले अदालत लोक अभियोजक का पक्ष जरूर सुना जाएगा.
दरअसल, शिवराज कैबिनेट की पिछली बैठक में ही इस प्रस्ताव को मंजूरी के लिए रखा गया था, लेकिन कुछ मंत्रियों के विरोध के चलते इस टाल दिया गया था. मंत्रियों ने कहा था कि आरोपी फांसी के डर से पीड़िता की हत्या कर सकता है.