कांग्रेस ने दिया बीजेपी को बड़ा झटका, इस बड़े नेता न थामा कांग्रेस का हाथ

Update: 2018-11-08 13:20 GMT

चुनाव से पहले बीजेपी को एक और बड़ा झटका लगा है. टिकट काटे जाने से अपनी ही पार्टी से नाराज चल रहे अटल आडवानी के साथी रहे पूर्व मंत्री सरताज सिंह ने कांग्रेस का हाथ थाम लिया है. वे होशंगाबाद सीट से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ेंगे. शुक्रवार को सरताज नामांकन जमा करेंगे.


इससे पहले होशंगाबाद में आरओ कार्यालय से सरताज सिंह के लिए कांग्रेस प्रत्याशी के बतौर फार्म लिया गया. कांग्रेस के राज्य प्रवक्ता राजेन्द्र ठाकुर ने सरताज के लिए नामांकन फार्म लिया है. जिसके बाद उनके कांग्रेस में जाने की अटकलों को बल मिला था. वहीं सरताज सिंह ने एसबीआई मीनाक्षी शाखा में खाता भी खोला है. कांग्रेस ने पांच बजे जारी की अपनी पांचवी सूची में सरताज सिंह का नाम शामिल किया है. होशंगाबाद से उन्हें प्रत्याशी बनाया गया है.

सरताज चुनाव लड़ने पर अड़े हुए थे. लेकिन पार्टी ने उनका टिकट काटकर किसी अन्य का नाम आगे कर दिया. हालांकि उन्हें मनाने की भी भरपूर कोशिश की गई, लेकिन सरताज दो टूक कह चुके थे कि वह चुनाव जरूर लड़ेंगे. उनके निर्दलीय चुनाव लड़ने की भी चर्चा रही, इस बीच कांग्रेस ने भी दांव खेलते हुए सरताज को ऑफर दिया. बड़े नेताओं ने सरताज को होशंगाबाद सीट से चुनाव लड़ने की पेशकश की.


बीजेपी से नाराज चल रहे सरताज ने आखिरकार कांग्रेस का दामन थाम लिया और अब वह कांग्रेस की टिकट पर चुनावी मैदान में नजर आएंगे. पार्टी ने उनके नाम की घोषणा कर दी है. कांग्रेस में शामिल होते ही जब उनसे पूछा गया कि कांग्रेस में आकर कैसा लग रहा है तो उन्होंने जवाब दिया कि आज मेरा कांग्रेस में पहला दिन है. जनसंघ के समय से पार्टी में जुड़े एक वरिष्ठ नेता का भाजपा छोड़ना पार्टी के लिए एक बड़ा झटका है. हालांकि अब समय ही तय करेगा कि सरताज का यह फैसला कितना सही है.

होशंगाबाद विधानसभा सीट पर 2013 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी की डॉ. सीता शरण शर्मा ने जीत दर्ज की थी. उन्होंने कांग्रेस के रवि किशोर जायसवाल को चुनाव में हराया था. वहीं 2008 के विधानसभा चुनाव के दौरान यहां से बीजेपी उम्मीदवार के तौर पर गिरजा शंकर शर्मा चुनाव मैदान में थें. उन्होंने 2008 के विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के विजय दूबे(काकु भाई) को चुनावी मैदान में मात दी थी.

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