शिवराज को लग सकता है एक बड़ा झटका!
शिवराजसिंह ने बनाया पांच संतों को दर्जा राज्य मंत्री;
भोपाल : मध्य प्रदेश सरकार ने पांच संतों को राज्यमंत्री का दर्जा दिए जाने का फैसला सुर्खियों में चल रहा है। कांग्रेस ने इसे पाप धोने की संज्ञा दी है। हालांकि नर्मदा नदी के संरक्षण और पौधारोपण को लेकर जनजागृति लाने के लिए बनी इस कमिटी के कुछ सदस्य राज्यमंत्री का पद दिए जाने से सहमत नहीं हैं। लिहाजा वे सरकार से मिले इस दायित्व को ठुकरा भी सकते हैं।
नाम न छापने की शर्त पर एक संत ने कहा कि उनके लिए बत्ती वाली गाड़ी और सुविधाओं का कोई महत्व नहीं है। वे तो वैसे ही समाज में जनजागृति लाने का काम करते हैं। नदी बचाओ, पेड़ लगाओ इस तरह का अभियान उनके लिए आम है। जब उनसे पूछा गया कि क्या वे सरकार के राज्यमंत्री के दर्जे को स्वीकार करेंगे, तो उनका जवाब था कि उन्हें इस तरह के विशेषाधिकार की कतई जरूरत नहीं है।
ज्ञात हो कि मंगलवार को राज्य शासन ने प्रदेश के विभिन्न चिन्हित क्षेत्रों विशेष रूप से नर्मदा के किनारे वृक्षारोपण, जल संरक्षण और स्वच्छता के प्रति निंरतर जन-जागरूकता अभियान चलाने के लिए विशेष समिति गठित की। इस समिति में बतौर सदस्य नर्मदानन्द, हरिहरानंद, कंप्यूटर बाबा, भैयू महाराज और पंडित योगेंद्र महंत को शामिल किया गया।
सभी सदस्यों को राज्यमंत्री का दर्जा देने की बात कही गई है। इस समिति के गठन और संतों को राज्यमंत्री का दर्जा दिए जाने पर राजनीतिक हल्कों में बहस का दौर शुरू हो गया है।
संतों ने वृक्षारोपण में बड़े घोटाले का लगाया था आरोप
साथ ही बुधवार को तमाम अखबार राज्यमंत्री का दर्जा पाए संतों के पूर्व में लिए गए फैसलों से रंगे हुए हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि इन संतों में से कई ने इंदौर में 28 मार्च को एक बैठक करके नर्मदा घोटाला यात्रा निकालने का ऐलान किया था। संतों ने नर्मदा के किनारे हुए वृक्षारोपण में बड़े घोटाले का आरोप लगाया था। अब सरकार द्वारा उन्हें राज्यमंत्री का दर्जा दिए जाने से सवाल उठने लगे हैं। यही कारण है कि कई संत पद को ठुकराने का मन बना रहे हैं।
कमेटी के सदस्य कंप्यूटर बाबा का कहना है कि सरकार ने उन्हें जो जिम्मेदारी सौंपी है, उसे पूरा करने का प्रयास करेंगे। शिवराज ने नर्मदा के संरक्षण के लिए यात्रा निकाली थी। इसमें संतों को भी महत्व दिया गया है। वहीं, कंप्यूटर बाबा ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की नर्मदा पदयात्रा को व्यक्तिगत और राजनीतिक यात्रा करार दिया है।
आईएएनएस