मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार को सुप्रीमकोर्ट का बड़ा झटका

Update: 2019-12-06 08:58 GMT

भोपाल। सुप्रीम कोर्ट से पवई विधानसभा के बर्खास्त विधायक प्रह्लाद लोधी को बड़ी राहत मिली है। वही प्रदेश सरकार को बड़ा झटका। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ लगाई याचिका को खारिज कर दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश को सही माना है।

दरअसल, तहसीलदार से मारपीट के मामले में भोपाल की विशेष न्यायालय ने पवई विधानसभा सीट से बीजेपी के विधायक प्रहलाद लोधी को 2 साल की सजा सुनाई थी। इस सजा के बाद विधानसभा सचिवालय ने लोधी की सदस्यता रद्द कर दी जिसके बाद लोधी हाई कोर्ट गए जहां से उन्हें बड़ी राहत मिली और हाईकोर्ट ने भोपाल विशेष न्यायालय की सजा पर रोक लगा दी । लेकिन इसके बाद उनकी सदस्यता बहाल नहीं की गई जिसको लेकर प्रदेश में भाजपा और कांग्रेस में जमकर सियासत भी हुई। इस बीच सरकार सुप्रीम कोर्ट जा पहुंची। वहीं पहलाद लोधी ने भी केविएट दायर की थी लेकिन सुप्रीम कोर्ट से लोधी को बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को सही मानते हुए सरकार की याचिका को खारिज कर दिया।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद यह तय माना जा रहा है कि विधायक प्रहलाद लोधी 17 दिसंबर से शुरू होने वाले विधानसभा के शीतकालीन सत्र में शामिल होंगे। हालाँकि बीजेपी नेता पहले ही इसका दावा कर रहे थे।

मध्यप्रदेश सरकार द्वारा दायर एसएलपी की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और विवेक कृष्ण तंखा द्वारा दायर इस एसएलपी को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने प्रहलाद लोधी मामले में मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा है। प्रहलाद लोधी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी और पुरुशेन्द्र कौरव ने अपना पक्ष रखा।

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