जनसंख्या नियंत्रण का मुद्दा मध्यप्रदेश पहुंचा

उन्होंने प्रदेश के विकास का हवाला देते हुए जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाये जाने की जरूरत बताई है।

Update: 2021-07-14 06:02 GMT

भोपाल।उत्तरप्रदेश की योगी सरकार जनसंख्या नियंत्रण नीति बना कट कानून लाने की तैयारी कर रही है लेकिन उसका असर अन्य राज्यों पर पड़ने लगा है।अब मध्यप्रदेश में जनसंख्या नियंत्रण कानून की मांग उठी है।यह मांग भाजपा के चुने हुए जनप्रतिनिधियों ने उठायी है।वे चाहते हैं कि योगी के साथ साथ शिवराज भी जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाएं।

उल्लेखनीय है कि योगी सरकार ने जनसंख्या नीति 2021-2030 बनाई है।यह नीति कहती है कि जरूरत पड़ी तो कानून भी बनाया जा सकता है।वैसे इस कानून का मसौदा राज्य के विधि आयोग ने बना लिया है।अभी उस पर आम जनता के सुझाव मांगे जा रहे हैं।संभावना है कि अगली 15 अगस्त तक इस कानून का मसौदा मुख्यमंत्री तक पहुंच जाएगा।

आपको याद होगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो साल पहले लालकिले पर अपने भाषण में देश में बढ़ती जनसंख्या का जिक्र किया था। उन्होंने तब छोटे परिवार को देशभक्ति से जोड़ दिया था।मोदी की उसी बात को आधार बना कर योगी सरकार इस दिशा में आगे बढ़ी थी।

योगी के प्रस्तावित कानून पर अभी चर्चा ही चल रही है कि मध्यप्रदेश में भी यह मांग उठ खड़ी हुई है।भाजपा के वरिष्ठ विधायक और विधानसभा के पूर्व प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा ने इस संबंध में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को एक पत्र लिखा है।शर्मा ने लिखा है कि दस साल पहले मध्यप्रदेश की आबादी सवा सात करोड़ थी।पिछले दस साल में राज्य की आबादी करीब डेढ़ करोड़ बढ़ी है।शर्मा ने यूरोपीय देशों का उदाहरण देते हुए कहा है कि ब्रिटेन,स्पेन,फ्रांस और इटली की आबादी मध्यप्रदेश से कम है।इन देशों में संसाधन ज्यादा हैं और उस अनुपात में आबादी नही बढ़ रही है।जबकि मध्यप्रदेश में आबादी लगातार बढ़ रही है।इसका असर प्रदेश के विकास पर पड़ना तय है।

उन्होंने प्रदेश के विकास का हवाला देते हुए जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाये जाने की जरूरत बताई है।

विधायक रामेश्वर शर्मा पहले ऐसे नेता हैं जिन्होंने लिखित में यह मांग की है।इससे पहले भोपाल और मंदसौर के सांसद इसी तरह की बात कह चुके हैं।

रामेश्वर की इस मांग को उत्तरप्रदेश से जोड़ कर देखा जा रहा है।वैसे मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश के हालात में काफी फर्क है।मध्यप्रदेश आदिवासी बहुल प्रदेश है।यहां मुस्लिम आबादी उत्तरप्रदेश की तुलना में कम है।

वैसे जनसंख्या नियंत्रण के लिये कानून का समर्थन भाजपा के साथ मिलकर सरकार चला रहे नीतीश कुमार भी नही करते हैं। वे कह चुके हैं कि कानून से जनसंख्या को नियंत्रित नही किया जा सकता है।

उधर विश्व हिंदू परिषद भी इससे पूरी तरह सहमत नही है।वह उत्तरप्रदेश सरकार के कानून के मसौदे को तो सही मानती है लेकिन जनसंख्या नियंत्रण के लिए एक बच्चे की नीति के खिलाफ है।उसके लिए परिषद के कई तर्क हैं।

फिलहाल यह मामला उत्तरप्रदेश से मध्यप्रदेश आ गया है। देखना यह है कि शिवराज सिंह मोदी के संकेत को समझते हुए योगी का अनुसरण करते हैं या फिर धैर्य के साथ हालात की निगरानी करते हुए आगे बढ़ेंगे।

उधर पड़ोसी राज्य के हालात से मध्यप्रदेश के मुसलमान बेखबर नही हैं।अब उनकी नजरें शिवराज पर टिकी हैं।

वैसे शर्मा के इस पत्र पर मुख्यमंत्री की कोई प्रतिक्रिया अभी तक नही आई है।

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